कोलेस्ट्रॉल के दिल के पास पहुंचने से आता है हार्ट अटैक, ये चीजें आज ही डाइट में शामिल करें

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण नसों में चिपचिपा पदार्थ जमकर इकट्ठा होने लगता है। जब इसकी मात्रा नस में बहुत ज्यादा हो जाती है तो हार्ट अटैक का खतरा होता है।

Updated: Dec 25, 2023, 05:39 AM IST

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल एक गंदा पदार्थ है, जिसका शरीर में कोई काम नहीं होता। यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) से अलग होता है। अच्छे और जरूरी कोलेस्ट्रॉल को लिवर पर्याप्त मात्रा में बना लेता है। लेकिन फैट वाले फूड खाने से गंदा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और नसों में जम जाता है।

खाने की जिन चीजों में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट होता है, उनके सेवन से खतरनाक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। मक्खन, घी, मीट, चीज़, डेयरी प्रॉडक्ट, आइसक्रीम, नारियल तेल आदि फूड में ऐसे फैट्स पाए जाते हैं, जो हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकें।

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण नसों में चिपपिचा पदार्थ जमकर इकट्ठा होने लगता है। जब इसकी मात्रा नस में बहुत ज्यादा हो जाती है, तो यह रक्त वाहिका को बंद कर देता है और खून पर्याप्त मात्रा में बह नहीं पाता है। कई बार यह पदार्थ टूटकर दिल के पास पहुंच जाता है और नसों को बंद करके हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।

फाइबर फूड

फाइबर वाले फूड खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता नहीं है। एनसीबीआई पर छपी रिसर्च कहती है कि सॉल्यूबल फाइबर आंतों में ही कोलेस्ट्रॉल को बांध लेता है और मल के रूप में शरीर से बाहर ले आता है। इसलिए टोटल व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फाइबर वाली चीजें खानी चाहिए।

सेब 

हेल्थलाइन के अनुसार, 1 मध्यम आकार के सेब में 1 ग्राम सॉल्यूबल फाइबर होता है। इसलिए डाइट में सेब खाने से गंदा कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है। आप रोजाना 1-2 सेब का सेवन आराम से कर सकते हैं।

गाजर 

ठंड में मिलने वाली गाजर में डाइटरी फाइबर उच्च मात्रा में होता है। इसलिए गाजर का सेवन करने से नसों में गंदगी जमने से रोका जा सकता है। 128 ग्राम गाजर में करीब 2.4 ग्राम सॉल्यूबल फाइबर होता है।

मटर, ओट्स और ईसबगोल

मटर और ओट्स के साथ ईसबगोल की भूसी में भी सॉल्यूबल फाइबर मौजूद होता है। मटर और ओट्स को खाने की तरह पकाकर खाया जा सकता है। वहीं, ईसबगोल की भूसी को दिन में दो बार खाकर फायदा पा सकते हैं।