सप्लिमेंटस दवाओं का स्वास्थ्य पर कोई लाभ नहीं, पौष्टिक आहार खाने का वैज्ञानिकों ने दिया सुझाव 

वैज्ञानिकों का कहना है कि 30 फीसदी से अधिक लोग हर महीने 500 से 1500 रुपए सप्लिमेंट दवाओं पर खर्च कर रहे हैं, जबकि 9.7 फीसदी ने इनके प्रयोग के दौरान साइड इफैक्ट्स जैसे स्किन एलर्जी और उल्टियों की शिकायत की है।

Updated: May 30, 2023, 04:33 PM IST

getty image
getty image

अगर आप रोजाना हेल्थ सप्लीमेंट लेते हैं, तो सावधान हो जाइए। हो सकता है कि ये आपकी सेहत को फायदा पहुंचाने की बजाए नुकसान पहुंचा रहे हो। कंज्यूमर इंडिया ने भी अपने एक नीजि सर्वे में कहा है कि सप्लिमेंटस दवाओं या प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के नाम पर बाजार में बिक रहे ज्यादातर हेल्थ सप्लीमेंट्स यानी न्यूट्रास्यूटिकल्स में पोषक तत्वों की मात्रा रिकमेंडिड डायटरी एलाउंस से कहीं कम या ज्यादा है। जो आपकी सेहत बिगाड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन्हें खरीदने से पहले इनमें मौजूद विटामिंस की जांच पड़ताल जरूर कर लें। 

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, किंग्स कॉलेज लंदन में जेनेटिक एपिडेमियोलॉजी विशेषज्ञ प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा कि लोगों को सप्लिमेंटस दवाओं का उपयोग कतई नहीं करना चाहिए, लोगों को सप्लिमेंटस लेने के बजाय संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए,

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को कम से कम यदि कहीं किसी जगह पर कुछ नहीं मिल रहा तो व्यक्ति सप्लिमेंटस दवाओं का उपयोग कर सकता है।


उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि 30 फीसदी से अधिक लोग हर महीने 500 से 1500 रुपए
सप्लिमेंट दवाओं पर खर्च कर रहे हैं, जबकि 9.7 फीसदी ने इनके प्रयोग के दौरान साइड इफैक्ट्स जैसे स्किन एलर्जी और उल्टियों की शिकायत की। 39 फीसदी का मानना है कि शारीरिक थकान में न्यूट्रास्यूटिकल्स की जरूरत होती है। वहीं 32 फीसदी का मानना है कि भोजन के अलावा अलग से न्यूट्रास्यूटिकल्स की आवश्यकता है। 

 

उन्होंने कहा कि किसी भी लाभ के साथ एकमात्र सप्लीमेंट बी12 उन शाकाहारी लोगों के लिए है जो आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ नहीं खा रहे हैं जितना उन्हें लेना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार  "सभी अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से खत्म करना असंभव है", लोगों को उन्हें पहचानने के बारे में शिक्षित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक भोजन "गरीबों की जीवन प्रत्याशा और हमारे स्वास्थ्य की अवधि में बड़े पैमाने पर वृद्धि कर सकता है"। रिपोर्ट में कहा गया है कि पौधे आधारित आहार पर स्विच करना चाहिए जो व्यक्ति लिए फायदेमंद साबित होगा।