म्यांमार में सैनिक तख्तापलट का विरोध, सुरक्षा बलों की गोलियों से 18 की मौत

म्यांमार के कई शहरों जैसे यंगून, दवेई और मांडले में भी लोगों के मारे जाने की खबरें, पुलिस और सेना द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ बरसाने का आरोप

Updated: Mar 01, 2021, 03:30 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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म्यामांर में सैनिक तख्तापलट का विरोध कर रहे लोगों पर सेना और पुलिस की तरफ़ से गोलियाँ बरसाए जाने की ख़बर है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय की तरफ़ से दी गई जानकारी के मुताबिक़ फ़ौजी तख्तापलट के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान रविवार को ही सेना और पुलिस की गोलियों से कम से कम 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान 30 से ज़्यादा लोगों के घायल होने की भी ख़बर है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार के मामले में ज़्यादा सक्रियता दिखाने की अपील की है। उनके कार्यालय की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि दुनिया के देशों को म्यांमार की सेना पर दबाव बनाना चाहिए कि वो चुनाव में सामने आई जनता की इच्छा का सम्मान करे और नागरिकों का दमन बंद करे।

म्यांमार के कई शहरों जैसे यंगून, दवेई और मांडले में भी लोगों के मारे जाने की सूचनाएँ आ रही हैं, क्योंकि इन तमाम शहरों में सेना और पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर असली गोलियां चलाए जाने की ख़बर है। कई जगहों पर प्रदर्शकारियों की भीड़ पर आंसू गैस के गोलों के साथ ही ग्रेनेड का इस्तेमाल किए जाने की भी खबरें आई हैं।

प्रदर्शनकारी फ़ौजी तख्तापलट का विरोध करते हुए देश की निर्वाचित नेता आंग सान सू की को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं, जिनमें गोलियों के खोखे दिखाई दे रहे हैं। दक्षिणपूर्वी म्यांमार के छोटे से शहर दावेई में भी सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की है। स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार वहाँ एक प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों के मारे जाने की आशंका है।  हालांकि मारे गए लोगों की संख्या की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

रविवार को सुरक्षा बलों ने उस वक्त गोलियां बरसाईं जब मेडिकल के छात्र राजधानी की सड़कों पर फ़ौजी तख्तापलट के ख़िलाफ़ जुलूस निकाल रहे थे। घटना के बाद जारी हुई तस्वीरों और वीडियो में प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों के बर्बर हमलों से बचकर भागते दिख रहे हैं। सड़कों पर गोलियों की आवाजें सुनी गईं। माना जा रहा है कि भीड़ पर स्मोक ग्रेनेड भी फेंका गया।

राजनीतिक कैदियों की मदद करने वाले एक संगठन के मुताबिक़ अब तक 854 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन पर तख्तापलट से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 771 लोगों को हिरासत में रखा गया है। संगठन के मुताबिक हाल में यंगून और अन्य शहरों से सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।