हिंसा के बीच कर्नाटक के 31 आदिवासी सूडान में फंसे, तीन दिन से नहीं मिला है खाना

सूडान में सेना अर्धसैनिकों के बीच जंग जारी, अबतक 200 लोगों की हो चुकी है मौत, कांग्रेस का आरोप - वहां फंसे लोगों को उनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया गया है।

Updated: Apr 18, 2023, 03:33 PM IST

सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच जंग जारी है। इस जंग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है। जंग के बीच कर्नाटक के 31 आदिवासी सूडान में फंस गए हैं। सभी लोग सूडानी शहर अल-फशेर में रह रहे हैं। उन्हें तीन दिन से खाना तक नहीं मिला है। कांग्रेस का आरोप है कि वहां फंसे लोगों को उनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया गया है। 

बताया जा रहा है कि ये लोग आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बेचने के लिए सूडान गए थे। इनमें से 19 लोग कर्नाटक के हुनसूर, 7 शिवामोगा और 5 लोग चन्नागिरी के रहने वाले हैं। इन्हीं में से एक एस. प्रभू ने इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात की। उसने बताया कि हम पिछले 4-5 दिनों से एक किराए के मकान में फंसे हुए हैं। हमारे पास खाना या पीने के लिए कुछ भी नहीं है। बाहर से लगातार धमाकों की आवाज आ रही है। यहां कोई हमारी मदद करने को तैयार नहीं है।

एस प्रभु ने कहा कि हमने तीन दिन से खाना नहीं खाया है। वहीं आवासीय परिसर में जो पानी की टंकी है वो भी सूख रही है। इतने दिनों से हमने पीने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए पानी का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में घर की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है। कांग्रेस नेता व कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय और कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और गृहयुद्ध से परेशान सूडान में फंसे हक्की पिक्की जनजाति के कर्नाटक के 31 लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

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कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर कन्नड़ विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्हें उनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया गया है। इधर सूडान में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अगर ये लड़ाई अभी नहीं रुकी तो इससे पूरा देश तबाह हो सकता है। दरअसल शनिवार को खार्तूम में सेना और देश के अर्धसैनिक बल, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच भीषण लड़ाई छिड़ गई है। भारतीय दूतावास ने देश में रह रहे भारतीय नागरिकों को घरों बाहर नहीं निकलने के निर्देश दिए हैं। अब भारतीयों के पास समस्या खाद्य सामग्री के आपूर्ति की है। सूडान में लड़ रहे दोनों गुटों को अलग-अलग देशों का समर्थन है। अलजजीरा के मुताबिक आर्मी को मिस्र का साथ है, जबकि पैरामिलिट्री ग्रुप को UAE और सऊदी अरब से मदद मिलती रही है। 

सोमवार को RSF के लड़ाकों ने अमेरिकी दूतावास के काफिले और EU के ऐंबैस्डर पर भी हमला कर दिया। इसकी जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि काफिले की गाड़ियों पर अमेरिका का झंडा लगा हुआ था। साथ ही उसकी लाइसेंस प्लेट भी दूतावास की थी। फिर भी हमला किया गया।