SC ने लगाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक, UP के 17 लाख मदरसा छात्रों को मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है, मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा धर्मनिरपेक्षता के ख़िलाफ़ नहीं है

Publish: Apr 05, 2024, 03:39 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मदरसा एक्ट पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हाई कोर्ट से मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल हुई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यूपी के करीब 17 लाख मदरसा छात्रों को राहत मिलेगी। 

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले को देखते हुए यही नज़र आ रहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से मदरसा एक्ट के प्रावधान को समझने में भूल हुई है। मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन नहीं है। 

क्या गुरुकुल भी धार्मिक शिक्षा देता है

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई में ख़ुद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मौजूद थे। मदरसा बोर्ड की पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश में बहुत अच्छे गुरुकुल हैं, मेरे पिता के पास भी गुरुकुल की डिग्री है। तो क्या हमें यह कहना चाहिए कि गुरुकुल धार्मिक शिक्षा दे रहे हैं? 

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तमाम दलीलों को सुनने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, यूपी सरकार और यूपी मदरसा एजुकेशन बोर्ड को नोटिस जारी किया है। इन्हें कोर्ट में 31 मई तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब जुलाई के दूसरे हफ्ते में करेगा। 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 पर रोक लगा दी थी। इसके चलते यूपी के 16 हजार मदरसे प्रभावित हो गए थे। इन मदरसों में करीब 17 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद अब इन मदरसों में एक बार फिर पढ़ाई बहाल हो सकेगी।