बाइडेन ने UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन, दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर की ड्रोन डील को मंजूरी
अमेरिका से भारत लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लेस किलर ड्रोन खरीदने जा रहा है। इस डील को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतिम रूप दे दिया।
अमेरिका ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज़ को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सदस्यता भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने शांति के लिए अगस्त में पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के पहले दिन शनिवार (21 सितंबर) को राष्ट्रपति बाइडेन के होमटाउन डेलावेयर पहुंचे। यहां वे देर रात 1:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बनीज और जापान के PM फूमियो किशिदा के साथ क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) समिट में शामिल हुए।
पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन के मंच से चीन को साफ-साफ संदेश दिया कि ये सामरिक समूह उसके खिलाफ नहीं है। चीन कई बार क्वाड पर सवाल उठाता रहा है। पीएम मोदी ने क्वाड के मंच पर कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। ये चीन को एक बड़ा संदेशा है, क्योंकि कई बार बीजिंग की ओर से कहा जाता रहा है कि क्वाड देश उसके खिलाफ खड़े, तनाव पैदा कर रहे हैं। क्वाड सामरिक समूह पर चीन इसके अलावा भी कई सवाल उठाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को साफ-साफ संदेश दिया है कि इस समूह के देश उसके खिलाफ नहीं है।
दरअसल, क्वाड 2007 में बनाया गया एक सुरक्षा सहयोग संगठन है, जिसका मकसद हिंद और प्रशांत महासागर में शांति और सहयोग को बढ़ावा देना और चीन की विस्तारवादी नीतियों को काउंटर करना है। इस संगठन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड समिट इस साल भारत में होनी थी, पर अमेरिका की रिक्वेस्ट पर इसे होस्ट करने का मौका बाइडेन को दे दिया गया।