एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की भारत में भी होगी समीक्षा, कमेटी देखेगी टीका सुरक्षित है या नहीं

भारत में एस्ट्राजेनेका के टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है, यह भारत में टीकाकरण अभियान के तहत लगाए जा रहे दो टीकों में शामिल है

Updated: Mar 16, 2021, 09:35 AM IST

Photo courtesy: india today
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नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर यूरोप के कई देशों में पाबंदी लगाए जाने के बाद अब भारत में भी इस मसले को गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार ने पूरे मसले का अध्ययन करके अंतिम फैसला करने के लिए एक कमेटी बना दी है। यह कमेटी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के बारे में मिली तमाम रिपोर्ट्स और भारत में इस वैक्सीन से जुड़े अब तक के अनुभवों और साइड इफेक्ट्स की समीक्षा करके एक हफ्ते में फैसला करेगी। भारत में टीकाकरण अभियान के तहत ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ICMR में कोविड टास्कफोर्स के प्रमुख का कहना है कि भारत में अब तक इन दोनों ही वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए हैं। ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है।  वैक्सीन की डोज़ के बाद किसी दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए एईएफआई नाम की एक कमेटी इसकी जांच करेगी। इस हफ्ते वैक्सीन के रिव्यू का काम पूरा कर लिया जाएगा। ICMR के डॉक्टर एनके अरोरा का मानना है कि वैक्सीन की अब तक समीक्षा के दौरान ब्लड क्लॉटिंग जैसी कोई समस्या सामने नहीं आई है।

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पहले ही अपने टीके को सुरक्षित बता चुकी है। एस्ट्राजेनेका ने अपने बयान में कहा है कि वो एक बार फिर सबको भरोसा दिलाना चाहती है कि उसका बनाया कोविड-19 का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। कंपनी के मुताबिक उसके बनाए टीके को मज़बूत वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर ही अप्रूवल मिला है। उसके बाद भी कंपनी लगातार इसके इस्तेमाल के बाद आने वाले आंकड़ों की लगातार निगरानी कर रही है। 

यूरोप के कई देशों में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लिए जाने के बाद ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के जमने की शिकायतें सामने आई हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल वैक्सीन को ब्लड क्लॉटिंग से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यूरोपीय संघ के देश और ब्रिटेन में अब तक करीब 17 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज़ दी गई है। इनमें सिर्फ 40 ऐसे केस हैं, जिनमें लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत की है। भारत में ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है।