जम्मू में बारिश, बाढ़ और बर्बादी, टूटा 100 साल का रिकॉर्ड, उधमपुर में 24 घंटे में हुई 629.4 मिमी बारिश
आईएमडी के अनुसार, उधमपुर में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह 31 जुलाई, 2019 को दर्ज 342.0 मिमी के पिछले रिकॉर्ड से लगभग दोगुनी है।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। राज्य के कई जिलों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बादल फटने और उसके बाद आई बाढ़ से अब तक 32 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, दर्जनों लोग लापता हैं, जबकि हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हुए हैं।
जम्मू में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। बताया जा रहा है कि यहां 100 साल में पहली बार इतनी बारिश हो रही है कि हर तरफ बस पानी ही पानी नजर आ रहा है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, उधमपुर में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह 31 जुलाई, 2019 को दर्ज 342.0 मिमी के पिछले रिकॉर्ड से लगभग दोगुनी है। वहीं जम्मू में इसी अवधि में 296.0 मिमी बारिश हुई है। यह शहर में 9 अगस्त, 1973 को दर्ज 272.6 मिमी बारिश के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है।
लगातार हो रही बारिश ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में तबाही मचा दी है। विशेषज्ञों के अनुसार 629.4 मिमी बारिश किसी भी फुटबॉल ग्राउंड को दो फुट तक भर सकती है यानी इतना पानी कि वह आपके घुटने तक आ जाए। उधमपुर से आने वाला आंकड़ा वाकई डराने वाला है। एयरपोर्ट ऑब्जर्वेटरी के अनुसार जम्मू शहर में 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की। इसने 5 अगस्त 1926 को बने 228.6 मिमी बारिश का सर्वकालिक रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
शहर में अगस्त में औसतन 353 मिमी बारिश होती है और 1 से 27 अगस्त 2025 के बीच अब तक 952 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। पिछले 15 सालों में शहर में अगस्त 2013 में 702.3 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था। अब तक की सबसे भारी मासिक बारिश 1087.5 मिमी अगस्त 1996 में दर्ज की गई थी और अब तक बरकरार है।
बारिश और बाढ़ के बीच बुधवार को भी बचाव अभियान जारी है और प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया दल फंसे हुए निवासियों तक पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू और सांबा जिलों के जलमग्न इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई इलाकों में बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी जरूरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं, जबकि स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बुधवार को बारिश की तीव्रता कम हो गई, हालांकि जम्मू संभाग का ज़्यादातर हिस्सा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।