कोरोना के नए वेरिएंट का दुनियाभर में खौफ, US ने अफ्रीकी देशों पर लगाया ट्रेवल बैन, वैक्सीनेटेड लोगों को भी खतरा

कोरोना के नए वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया Omnicron नाम, दर्जनों देशों ने लगाया दक्षिण अफ्रीका पर ट्रेवल बैन, फुली वैक्सीनेटेड लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है यह वेरिएंट

Updated: Nov 27, 2021, 11:58 AM IST

Photo Courtesy: IndianExpress
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वॉशिंगटन। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट ने दुनियाभर में खौफ फैला दिया है। वैज्ञानिक इस स्ट्रेन को मानव जाती के लिए चिंता का सबब बता रहे हैं। यह स्ट्रेन इतना खतरनाक है कि फुली वैक्सीनेटेड लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस वेरिएंट का खतरा भांपते हुए अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका समेत सात अन्य देशों पर ट्रेवल बैन लागू कर दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो बाइडेन खुद ट्वीट कर यात्रा प्रतिबंध से जुड़ी जानकारी दी है। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और आसपास के सात अन्य देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगाएगा। व्हाइट हाउस ने भी इस बारे में ज्यादा विस्तार से नहीं बताया है, लेकिन कहा कि प्रतिबंध अमेरिकी नागरिकों के इन देशों से वापस आने पर लागू नहीं होंगे। लेकिन इन्हें अपनी यात्रा से पहले कोरोना नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगी।' 

रिपोर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी देशों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भारत सरकार भी आज निर्णय ले सकती है। दुनियाभर के दर्जनों देशों ने अफ्रीका पर बैन लगा दिया है क्योंकि सबसे पहले यह खतरनाक वेरिएंट वहीं पाया गया था। साउथ अफ्रीका पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों में इटली, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, जापान, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, नीदरलैंड, माल्टा, मलेशिया, मोरक्को, फिलीपींस, दुबई, जॉर्डन, अमेरिका, कनाडा और तुर्की शामिल है। वहीं दुनिया के अन्य देश भी तेजी से प्रतिबंध का ऐलान कर रहे हैं।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए आपातकालीन बैठक बुलाया है। डब्ल्यूएचओ ने इस वेरिएंट को लेकर फिलहाल सिर्फ इतना बताया है कि यह बेहद तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन है। यह इतना खतरनाक है कि इससे दोनों टीका लगा चुके व्यक्ति को भी नुकसान होने का पता चला है। स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के इस वेरिएंट को बी.1.1.529 बताया और इसका नाम Omicron दिया है। जो मूलतः एक ग्रीक शब्द है।

दरअसल, सबसे पहले गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने अपने देश में इस खतरनाक वेरिएंट के मौजूद होने की पुष्टि की थी। इसके बाद यह दो और देशों इजराइल और बेल्जियम में  भी पाया गया। इसके अलावा बोत्सवाना और हांगकांग ने भी अपने यहां वेरिएंट के मौजूद होने की पुष्टि की। धीरे-धीरे कई देशों में इस वेरिएंट के होने की सूचना प्राप्त हो रही है।

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इस वेरिएंट को लेकर हुए अब तक के वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चला है कि यह डेल्टा और डेल्टा प्लस सहित अन्य किसी भी वेरिएंट की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। बताया जा रहा है कि इसमें कई स्पाइक प्रोटीन मौजूद हैं, जिससे यह टीका को भी बेअसर कर दे रहा है। इजरायल में तो एक ऐसा भी केस मिला है जिसमें एक व्यक्ति दो डोज लेने के बाद बूस्टर डोज भी ले चुका था। बावजूद वह इस वेरिएंट ने उसे अपने चपेट में ले लिया। इसके प्रसार के स्तर को इसी बात से समझा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में पिछले हफ्ते में कोरोना के कुल केस चार गुना ज्यादा बढ़ गए हैं।

भारत सरकार इसके खतरे को भांपते हुए देश के सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर चुकी है। देश में एक बार फिर से बड़े स्तर पर वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। माना जा रहा है की शाम तक केंद्र सरकार द्वारा अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा। यह वेरिएंट ऐसे समय में आया है जब माना जा रहा था कि दुनियाभर में कोरोना अपने खात्मे पर है और इस वायरस पर मानव जाति की जीत हो गई है। हालांकि, अब खुद वैज्ञानिक भी यह कहने लगे हैं कि नए म्यूटेशन पर वैक्सीन का कोई असर होगा या नहीं यह तय नहीं है।