PM Narendra Modi के गोद लिए गांव की रिपोर्टिंग करने वाली पत्रकार पर FIR

डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म स्क्रॉल (Scroll) की एग्जीक्यूटिव एडिटर और पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने वाराणसी में एफआईआर दर्ज की है।

Publish: Jun 19, 2020, 09:21 PM IST

Photo courtesy : newsd
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उत्तरप्रदेश पुलिस ने न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सुप्रिया ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा गोद लिए गए गांव की हालत पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। सुप्रिया पर आरोप है कि उन्होंने गांव की एक महिला के बयान को गलत तरीके से पेश कर झूठे दावे किए हैं। रिपोर्ट का शीर्षक "प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव में लॉकडाउन के दौरान भूखे रह रहे लोग" था। हालांकि स्क्रॉल ने दावा किया है कि यह एफआईआर स्वतंत्र पत्रकार को डराने व चुप कराने का प्रयास है।

जानी-मानी पत्रकार व स्क्रॉल की संपादक सुप्रिया पर मानहानि का आरोप लगा है। पुलिस ने सुप्रिया के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 से संबंधित प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 501 (ऐसे मामलों का प्रकाशन या उत्कीर्णन, जो मानहानिकारक हों) और धारा 269 (लापरवाही, जिससे खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की आशंका हो) के तहत मामला दर्ज किया है। रामनगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाली माला देवी ने आरोप लगाया है कि सुप्रिया शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उनके बयान को गलत तरीके से प्र‌‌काशित किया है और झूठे दावे किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लॉकडाउन पर आधारित रिपोर्ट में सुप्रिया ने माला देवी को घरेलु महिला बताया था और प्रकाशित किया था कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें राशन की किल्लतों का सामना करना पड़ा था। हालांकि माया देवी का दावा है कि वे नगर निगम में ठेके पर स्वच्छता कार्य करती हैं और उनके घर-परिवार में किसी को लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने या राशन की कोई कमी नहीं हुई है। 13 जून को दर्ज एफआईआर में उन्होंने कहा है कि, 'रिपोर्ट में मेरे बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया है और यह कहकर कि मेरे बच्चे भूखे हैं उन्होंने रिपोर्ट में मेरी गरीबी और मेरी जाति का मजाक उड़ाया है। इससे मेरी भावनाओं और समाज में मेरी प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है।'

इस मामले पर न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल का कहना है कि यह एफआईआर स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने व चुप कराने का एक प्रयास है। स्क्रॉल एडिटोरियल ने अपने वेबसाइट पर बयान प्रकाशित कर कहा, 'स्क्रॉल डॉट इन ने 5 जून, 2020 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के डोमरी गांव की माला देवी का साक्षात्कार लिया। उनके बयान को आलेख में सटीकता के साथ रिपोर्ट किया गया। स्क्रॉल डॉट इस लेख का समर्थन करता है, जिसे प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से रिपोर्ट किया गया है। यह एफआईआर COVID-19 लॉकडाउन के दौरान कमजोर समूहों की स्थितियों पर रिपोर्टिंग करने की कीमत पर स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने और चुप कराने का एक प्रयास है।"