अब स्मार्टफोन के जरिए 30 मिनट में कोरोना टेस्ट संभव, वैज्ञानिकों ने नई तकनीक विकसित की

यह नई तकनीक सीआरआईएसपीआर (CRISPR) आधारित है, इस तकनीक में सीधे वायरस के RNA का पता लगाया जाता है

Updated: Dec 08, 2020, 09:46 PM IST

Photo Courtesy: Orissapost
Photo Courtesy: Orissapost

वाशिंगटन। कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन तैयार की जा रही है। इस बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की जांच के लिए एक नई तकनीक विकसित की है। जिसमें स्मार्टफोन के जरिए सिर्फ 30 मिनट में कोरोना वायरस का टेस्ट किया जा सकता है। जी हां आपने सही सुना। जानकारी के मुताबिक, यह तकनीक सीआरआईएसपीआर (CRISPR) आधारित है। जांच की इस नई तकनीक में सीधे वायरल आरएनए का पता लगाया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्मार्टफोन कैमरे के जरिए सिर्फ 30 मिनट में केवल पॉजिटिव या निगेटिव परिणाम हासिल करने के साथ ही वायरल लोड की भी जांच की जा सकती है। इस बारे में अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ शोधकर्ता जेनिफर डाउडना ने बताया कि सभी सीआरआईएसपीआर जांच में तो वायरल आरएनए को डीएनए में बदलने की जरूरत होती है और इसका पता लगाने से पहले इसे एमप्लीफाई करना होता है, यह जटिल होने के साथ-साथ इसमें ज्यादा वक्त भी लगता है।

नोबेल पुरस्कार विजेता जेनिफर डाउडना ने आगे बताया कि इस नई तकनीक में ऐसा बिल्कुल नहीं है। इन सभी तरीकों के बजाय इस नई तकनीक में सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल कर सीधे वायरल आरएनए का पता लगाया जाता है। इस जांच को लेकर जेनिफर काफी उत्साहित हैं, उनका कहना है कि सीआरआईएसपीआर आधारित यह जांच कम समय में सही परिणाम देती है। जेनिफर का कहना है कि यह तकनीक उन जगहों के लिए ज्यादा उपयोगी होगी जहां जांच की सुविधाएं समित हैं या फिर जिन जगहों पर जल्द से जल्द ज्यादा जांच करने की जरूरत होती है।