अब कनाडा में बसना हुआ कुछ और आसान, 16 नए पेशेवरों को सरकार देगी एक्सप्रेस एंट्री
कनाडा सरकार ने 16 नए सेक्टर में अपना अनुभव रखने वाले लोगों को एक्सप्रेस एंट्री देने का फैसला लिया है ताकि देश की अर्थव्यवस्था में लेबर शॉर्टेज से निपटा जा सके।

ओटावा। लेबर की भारी कमी से जूझ रहे कनाडा ने अब अपने परमानेंट रेजिडेंसी नियमों में बदलाव कर दिया है। कनाडा सरकार ने 16 नए सेक्टर में अपना अनुभव रखने वाले लोगों को एक्सप्रेस एंट्री देने का फैसला लिया है ताकि देश की अर्थव्यवस्था में लेबर शॉर्टेज से निपटा जा सके। कनाडा सरकार के इस फैसले के बाद अब देश में बसना और आसान हो गया है।
कनाडा ने इमिग्रेशन के लिए एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के तहत आने वाले नेशनल ऑक्यूपेशनल क्लाशिफकेशन (NOC) 2021 को लागू करने की घोषणा की है। 16 ऐसे व्यवसाय भी अब कनाडा ने अपनी उस लिस्ट में शामिल कर लिए हैं, जिनके पेशेवरों को कनाडा की नागरिकता मिलेगी। नई एनओसी लागू होने से अब दूसरे देशों से कनाडा जाने वाले वाहन चालक, पेस्ट कंट्रोल में माहिर व्यक्ति और हॉस्पिटल अटेंडेंट जैसे प्रोफेशनल भी कनाडा के नागरिक बन पाएंगे।
नियमों में बदलाव से अब भारतीयों के लिए भी कनाडा में नौकरी के साथ परमानेंट रेसिडेंस मिलना आसान हो गया है। कनाडा सरकार का कहना है कि वह उन सभी कुशल इमिग्रेंट्स का स्वागत करेगा, जो कनाडा की आर्थिक स्थिति में सुधार और श्रमिकों की कमी को पूरा करेंगे।
एक्सप्रेस एंट्री स्कीम में नर्स सहायक, लॉन्ग टर्म सहायक, हॉस्पिटल अटेंडेंट, स्कूल टीचर और ट्रांसपोर्ट ट्रक ड्राइवर जैसे कुल मिलाकर 16 पोस्टें शामिल की गई हैं। बता दें कि इस स्कीम के जरिए परमानेंट रेजिडेंसी दी जाती है, यानी उन्हें स्थायी तौर पर कनाडा में रहने की इजाजत मिलती है।
दरअसल, कोरोना के बाद से ही कनाडा की लेबर फोर्स में बहुत ज्यादा कमी हो गई है। पिछले 1 साल में कनाडा की इकोनॉमी को लेबर शॉर्टेज की वजह से 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इससे उबरने के लिए कनाडा को और लोगों की जरूरत है। इमिग्रेशन मिनिस्टर शौन फ्रेसर ने कहा कि लेबर की कमी से निपटने के लिए सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है। स्वास्थ्य देखभाल, निर्माण और परिवहन जैसे क्षेत्रों में लोगों की ज्यादा जरूरत है।