Border Security : सशस्त्र पुलिस बल में एक लाख से ज्यादा पद खाली  

ITBP : 9 साल से नहीं हुआ विस्तार, 6000 रिक्त पदों को भरे जाने का इंतज़ार

Publish: Jun 24, 2020, 05:06 AM IST

Photo courtesy : the wire
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एक तरफ सरकार सेना को चीन से मुकाबले के लिए तैयार रहने को कह रही है और दूसरी तरफ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के विभिन्न विंग में एक लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। 3 हजार 488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में ही 6 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। आईटीबीपी में 2011 में अंतिम बार 13 नई बटालियनों को शामिल किया गया था। उसके बाद से सिर्फ घोषणाएं हुईं भर्तियां अधूरी रहीं। 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद से लेकर अब तक कई बार पदों को भरने के दावे किए गए, मगर ये घोषणाएं केवल खानापूर्ति रहीं। केंद्रीय सशस्‍त्र बलों में रिटायर होने या मृत्‍यु के बाद खाली पदों पर ही भर्ती हुई है। इन बलों के विस्‍तार पर ध्‍यान ही नहीं दिया गया है।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अंतर्गत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सशस्त्र सीमा बल (SSB), भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) और असम राइफल्स आते हैं। इन्‍हीं में एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं।

सेना में खाली पदों की इस स्थिति का खुलासा अंग्रेजी अखबार 'द हिन्‍दू' ने किया है। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार 3 मार्च को राज्यसभा में पेश एक संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में बताया गया था कि ITBP की स्वीकृत संख्या 89,567 है। 1 जनवरी 2020 को आईटीबीपी के कुल कर्मियों की संख्या 83,337 थी। यानि ITBP में छह हजार या 7 प्रतिशत पद खाली हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की बात करते तो उसमें एक लाख यानि लगभग 11% पद रिक्‍त हैं। आईटीबीपी के डायरेक्‍टर जनरल एसएस देसवाल ने 23 अक्‍टूबर 2019 को पत्रकार वार्ता में बताया था कि बीते 9 माह में 842 पदों को भरा गया और ए, बी  व सी वर्ग में कुल 7,535 व्‍यक्तियों को नियुक्‍त किया गया है।

 

यदि बल बढ़ाने की बात करें तो आईटीबीपी ने पिछली बार 13 नई बटालियन वर्ष 2011 में भर्ती की थीं। इससे पहले 2007 में 20 नई बटालियन बनाई गई थी। लेकिन इसके बाद से 9 साल में बल का विस्तार नहीं हुआ है। जो भी भर्तियां की गई हैं, वे केवल अफसरों व जवानों के रिटायर होने या मृत्‍यु के बाद खाली हुए पदों पर ही की गई हैं।

2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 23 अक्टूबर 2014 को चीन की सीमा पर 54 नई चौकियों के निर्माण की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नई बॉर्डर पोस्ट को अतिरिक्त 12 बटालियन या लगभग 12,000 कर्मियों की आवश्यकता होगी। राजनाथ सिंह ने 2017 में आईटीबीपी की स्थापना दिवस परेड में 50 नए पदों को मंजूरी देने की घोषणा की थी। लेकिन अबतक इस क्षेत्र में कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है।

रिपोर्ट में एक सीनियर सरकारी ऑफिसर के हवाले से बताया गया है कि अरुणाचल प्रदेश सहित सीमा क्षेत्र में जिन 54 बॉर्डर आउट पोस्ट्स का निर्माण होना था वो भी अबतक पूरा नहीं किया गया है। हालांकि पिछले साल 23 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने कहा था कि वर्ष 2014 से अबतक चीन सीमा पर 23 नए बॉर्डर आउट पोस्ट्स का निर्माण किया गया है।

आईटीबीपी का महत्‍व इस बात से समझा जा सकता है कि इसे उस क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी दी गई हैं जिस पर चीन और भारत दोनों ही अपना दावा करते हैं। लद्दाख स्थित सीमा पर ऐसे कुल पांच पॉकेट्स हैं। इनमें से तीन लद्दाख और एक-एक उत्‍तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में हैं।

आईटीबीपी को सीमा की सुरक्षा की दृष्टि से 1962 में चीन युद्ध के बाद चार बटालियन के साथ गठित किया गया था। अब आईटीबीपी की 60 बटालियन 180 सीमा चौकियों पर तैनात हैं। ये सीमा चौकियां उत्तर-पश्चिम में काराकोरम पास से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जाचेप ला तक 18 हजार 900 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। इनमें से अधिकांश पोस्ट भूमि मार्गों से कटी हुई हैं।