Coronavirus pandemic  का 9.3 करोड़ शहरी मजदूरों पर असर

घर की ओर जा रहे प्रत्येक प्रवासी मजदूर को जॉब कार्ड देने, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल करने और कौशल पर एक मोबाइल एप लॉन्च करने की सिफारिश

Publish: May 23, 2020, 03:33 AM IST

कोरोना महामारी ने देश भर में पांच व्यावसायिक क्षेत्रों के लगभग 9.3 करोड़ शहरी श्रमिकों पर असर डाला है। यह कहना है सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्री थावरचंद गहलोत की अगुवाई में बनी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट का।

रिपोर्ट के मुताबिक उत्पादन, निर्माण, व्यापार, पर्यटन और अतिथि सत्कार के क्षेत्रों में काम कर रहे शहरी जनसंख्या को महामारी ने बहुत कमज़ोर कर दिया है। इस ग्रुप ने एक रिपोर्ट तैयार कर प्रधानमंत्री कार्यालय को दी है। इस रिपोर्ट के सिफारिश के मुताबिक सरकार को चाहिए कि मजदूरों का एक डाटाबेस तैयार करे, घर की ओर कूच करते प्रत्येक प्रवासी मजदूर को जॉब कार्ड दिया जाए, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल किया जाए और कौशल नाम का एक मोबाइल एप लॉन्च किया जाए जिससे छोटे कामगारों को सीखने का अवसर प्राप्त हो सके।

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अपनी सिफारिशों में उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों के लिए अवसर उत्पन्न कर उन्हें शहर में ही रखने की कोशिश की जाए। उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति या किसी भी अन्य अवसर के साथ उन्हें रोका जाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने मजदूरों को आयुष्मान भारत योजना और नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से जोड़ने की बात कही है। ग्रुप ने अपने रिपोर्ट में संगठित क्षेत्रों के कामगारों का नौकरी जाने के रिस्क को लेकर चिंता जताई है।

बता दें कि पिछले हफ़्ते सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी (CMIE) द्वारा किए गए सर्वे के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल में लॉकडाउन के कारण भारत में तकरीबन 11.4 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई है, वहीं बेरोजगारी दर रेकॉर्ड 27.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

हालांकि रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि लॉकडाउन लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब रहा, पर इसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पर जो प्रभाव पड़ा है उससे निपटने हेतु जल्द से जल्द आर्थिक मोर्चे पर गतिविधियों को बढ़ाना होगा।