शिवपुरी की छात्रा ने खुद ही रची थी अपहरण की कहानी, पिता से मांगी 30 लाख की फिरौती

कोटा की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने कहा कि अब तक की जांच में, सबूतों से पता चलता है कि लड़की के साथ कोई घटना नहीं हुई थी। उसका अपहरण नहीं हुआ था।

Updated: Mar 21, 2024, 11:26 AM IST

शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में रहने वाली काव्या का अपहरण नहीं हुआ था। जिस अपहरण कांड ने 2 दिन से MP और राजस्थान पुलिस की नाक में दम कर रखा था आखिरकार वह फर्जी साबित हुआ। पुलिस ने दावा किया है कि छात्रा अपने एक साथी के साथ विदेश जाना चाहती थी। इसीलिए उसने किडनैपिंग की साजिश रचते हुए परिजनों से 30 लाख रुपए की डिमांड की थी।

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कोटा की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने कहा कि अब तक की जांच में, सबूतों से पता चलता है कि लड़की के साथ कोई घटना नहीं हुई थी। उसका अपहरण नहीं हुआ था। अब तक मिले सबूतों से घटना झूठी प्रतीत होती है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच में पता चला कि लड़की कोटा से लगभग 400 किलोमीटर दूर इंदौर में अपने दो दोस्तों के साथ रह रही थी।

छात्रा के अपहरण की बनावटी स्क्रिप्ट छात्र के साथी के द्वारा तैयार की गयी थी। पुलिस को जो तस्वीरें मिले थे जिसमें रस्सी एवं अन्य सामग्री नजर आ रही थी और छात्रा के हाथ पैर बंधे हुए जो फोटो खींचे गए थे। वह इंदौर में ही छात्र के दोस्त के कमरे के किचन के बताए जा रहे हैं। कोटा पुलिस के द्वारा यह दावा किया गया है।

बताया जा रहा है कि युवती पिछले छह से सात महीनों से कोटा में नहीं थी और उसने शहर के किसी भी कोचिंग संस्थान या छात्रावास में प्रवेश नहीं लिया है। पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से कहा, 'लड़की किसी भी कोचिंग संस्थान में नहीं पढ़ती थी और न ही किसी छात्रावास में रहती थी। जहां तक युवती के माता-पिता को उसकी परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के बारे में मिले संदेशों की बात है तो प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वे किसी भी कोचिंग संस्थान से नहीं भेजे गए थे।'

बताया जा रहा है कि काव्या को पता था कि उसके पिता की जमीन शिवपुरी में 54 लाख रुपये की बिकी थी. ये रकम दो हिस्सों में आनी थी। उसे पता था कि बचे हुए 27 लाख रुपये जल्द पिता को मिलने वाले हैं। इसलिए उसने पहले ही अपने अपहरण की फिरौती की कीमत 30 लाख रुपये रखी।