Modi Cabinet : अब RBI की निगरानी में होंगे सहकारी बैंक

सहकारी बैंकों को RBI के तहत लाने से PMC बैंक जैसे घोटाले की संभावना कम होगी

Publish: Jun 25, 2020, 06:33 AM IST

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमण्डल की हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। मोदी कैबिनेट ने सभी सहकारी (को ऑपरेटिव) बैंकों को रिज़र्व बैंक की निगरानी में लेने के फैसला लिया है। इस फैसले से देश भर के तकरीबन 1,540 को ऑपरेटिव बैंक अब रिज़र्व बैंक के दायरे में आ जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए ने कहा कि हमारे देश में 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी स्टेट बैंक हैं। ये बैंक तुरंत प्रभाव से RBI के सीधे सुपरविजन पॉवर में आने का एक अध्यादेश पारित किया गया है। RBI की पावर अब शेड्यूल बैंक के साथ-साथ को-ऑपरेटिव पर भी लागू होगी।

आरबीआई की निगरानी में रखने से क्या फायदा होगा ?

केंद्र सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को आरबीआई के तहत लाने का फैसला कोऑपरेटिव बैंकों के खाताधारकों की चिंताएं दूर करने के लिए लिया है। सहकारी बैंकों को आरबीआई के तहत लाने से पीएमसी जैसे बैंक घोटाले की संभावना कम हो जाएगी।

शिशु लोन पर ब्याज़ दर दो प्रतिशत घटाया गया

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मुद्रा योजना के तहत दिए जाने वाले लोन के दरों में कटौती कर दी है। अब मुद्रा योजना के तहत शिशु लोन लेने वालों को ब्याज चुकाने पर दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट एक साल तक प्रभावी रहेगी। बता दें की शिशु लोन के तहत अपना रोज़गार या छोटा व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों को 50 हज़ार तक का लोन दिया जाता है। इसके अलावा मुद्रा योजना के तहत किशोर लोन के तहत 5 लाख, तो वहीं तरुण लोन के तहत 10 लाख तक का लोन दिया जाता है। ब्याज में छूट अभी शिशु लोन के लिए ही है। बाकी दोनों तरह के लोन के लिए अभी कोई छूट प्रदान नहीं की गई है।

ओबीसी आयोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओबीसी आयोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। ओबीसी आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत किया गया था। ओबीसी आयोग को समाज के अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच उप - वर्गीकरण की जांच के लिए गठित किया गया है। कोरोना महामारी के चलते ओबीसी आयोग समय पर केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपने पर सक्षम नहीं था। इसलिए केंद्र सरकार ने ओबीसी आयोग का कार्यकाल 6 महीने तक के लिए बढ़ा दिया है। ओबीसी आयोग अब 31 जनवरी 2021 तक केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप सकेगा।

कुशीनगर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की मंज़ूरी दी है। कुशीनगर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वहां पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण करने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो कि कुशीनगर में ही गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण (मृत्यु) हुआ था। इस वजह से कुशीनगर विशेष तौर पर बौद्ध भिक्षुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। कुशीनगर में श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर सहित अन्य जगहों से हर वर्ष लाखों की संख्या में बौद्ध भिक्षु यहां पहुंचते हैं। ऐसे में कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का निर्णय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।