भारत में विटामिन डी की कमी बनी बड़ी समस्या, 39 फीसदी आबादी है इससे पीड़ित

भारत में विटामिन डी की कमी एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या बन गई है, और यह समस्या विशेष रूप से पूर्वी भारत में अधिक गंभीर है, जहां लगभग 39 प्रतिशत लोग इस कमी से पीड़ित हैं।

Updated: Apr 10, 2025, 07:46 PM IST

भारत में विटामिन डी की कमी एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या बन गई है, और यह समस्या विशेष रूप से पूर्वी भारत में अधिक गंभीर बताई जा रही है, जहां लगभग 39 प्रतिशत लोग इससे पीड़ित हैं। दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) और अन्वका फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विटामिन डी की कमी किशोरों, नवजात शिशुओं और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है और महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यह अधिक आम है।

यह रिपोर्ट विटामिन डी की कमी के कारणों को उजागर करती है, जिसमें सूर्य के प्रकाश का सीमित संपर्क, आहार संबंधी समस्याएं, और सामाजिक व सांस्कृतिक मानदंड शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है, क्योंकि यहां प्रदूषण के कारण सूर्य की किरणें वायुमंडल तक नहीं पहुंच पातीं। इसके अलावा, अत्यधिक शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली के चलते लोग बाहर कम समय बिताते हैं, जिससे विटामिन डी का अवशोषण कम हो जाता है।

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विटामिन डी की कमी से होने वाले नुकसान 

विटामिन डी की कमी से हड्डियों की समस्याएं, मांसपेशियों की कमजोरी, थकान, और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। यह रिपोर्ट यह भी सुझाती है कि विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए सरकारी कदम उठाए जाएं, जैसे खाद्य पदार्थों को विटामिन डी से सुदृढ़ करना और विटामिन डी के पूरकों की उपलब्धता बढ़ाना।

विशेषज्ञों ने बताए इसकी कमी को कैसे पूरा किया जाए 

आईसीआरआईईआर की प्रमुख लेखिका डॉ. अर्पिता मुखर्जी और आकाश हेल्थकेयर के डॉ. आशीष चौधरी ने बताया कि विटामिन डी की कमी केवल हड्डियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए आहार में दूध, दही, और तैलीय मछली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए और सूरज की रोशनी के साथ अधिक संपर्क में रहना चाहिए, ख़ास करके सुबह निकलने वाली सूरज की रोशनी सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है।