ऑस्ट्रेलिया की दो और यूनिवर्सिटीज ने भारतीय छात्रों पर लगाया बैन, वीजा नियमों के दुरुपयोग का आरोप

यूनिवर्सिटीज का कहना है कि भारतीय छात्र पढ़ने आते हैं और नौकरी करने लगते हैं, इस वजह से वहाँ की पहले 5 और अब 2 और यूनिवर्सिटीज ने भारत के 6 राज्यों- उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, यूपी, गुजरात और जम्मू कश्मीर के छात्रों को एडमिशन देने से मना कर दिया है

Updated: May 25, 2023, 09:20 PM IST

कैनबरा। फर्जी आवेदनों में वृद्धि के बीच ऑस्ट्रेलिया के दो और विश्वविद्यालयों ने भारत के कुल 6 राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऑस्ट्रेलियन न्यूज पेपर सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की 2 बड़ी यूनिवर्सिटीज़ ने अपने एजुकेशन एजेंट्स को पिछले हफ्ते एक लेटर लिखा था, जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के छात्रों का दाखिला नहीं करने का निर्देश दिया गया था। बीते महीने ही ऑस्ट्रेलिया की 5 अन्य यूनिवर्सिटीज़ ने आरोप लगाया था कि भारतीय छात्र स्टूडेंट वीजा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

ताज़ा घटनाक्रम में ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में स्थित फेडरेशन यूनिवर्सिटी और न्यू साउथ वेल्स की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने भारतीय छात्रों पर प्रतिबंध लगाया है। यह ठीक तब हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे और उन्होंने यहां ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय छात्रों को आपस में अपने अध्ययन और अनुभवों को साझा करने की नसीहत दी थी।

जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया का होम अफेयर डिपार्टमेंट कश्मीर समेत इन 4 राज्यों के छात्रों का वीजा एप्लिकेशन लगातार खारिज कर रहा था। उनका कहना है कि भारत के लोग स्टूडेंट वीजा लेकर पढ़ने की बजाय नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलिया आ रहे हैं।

वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने बताया कि 2022 में कई भारतीय छात्रों ने दाखिले कराए लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। यूनिवर्सिटी ने एजेंट्स को बताया कि ऐसा करने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स पंजाब, गुजरात और हरियाणा से हैं। इन राज्यों के छात्रों पर लगा बैन जून तक जारी रहेगा। सिडनी हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज विदेशी छात्रों के दाखिले के लिए पूरी तरह एजेंट्स पर निर्भर हैं। दाखिले के लिए स्टूडेंट और यूनिवर्सिटी दोनों एजेंट्स को अप्रोच करते हैं। जिसके बदले यूनिवर्सिटीज एजेंट्स को मोटा कमीशन देती हैं।

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में मिनिमम लेबर कॉस्ट 1800 रुपए प्रति घंटे है, एक वजह ये भी है जिसके चलते भारतीय स्टूडेंट्स वहां नौकरी करने लगते हैं। वहीं, कुछ छात्र पॉकेट खर्च निकालने के लिए भी पार्ट टाइम जॉब करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस साल भारतीय छात्रों की संख्या वर्ष 2019 के 75,000 के सर्वाधिक आंकड़े को पार कर चुकी है।