फैक्ट्री में 1200 लोग काम करते थे, हरदा पीड़ितों ने दिग्विजय सिंह को बताई तबाही की कहानी, दिलाया मदद का भरोसा

हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट स्थल पर पहुंचे दिग्विजय सिंह, पीड़ितों से मिलकर जाना हाल, फैक्ट्री परिसर के पीछे के मकानों हरसंभव मदद का दिलाया भरोसा

Updated: Feb 11, 2024, 07:18 PM IST

हरदा। हरदा पटाखा फैक्ट्री में बीते दिनों हुई भीषण विस्फोट के बाद अब चारों तरफ तबाही के मंजर नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह रविवार को हरदा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ब्लास्ट स्थल का मुआयना कर पीड़ितों से मुलाकात की। हरदा ब्लास्ट पीड़ितों ने सिंह को तबाही की कहानी बताई। इस दौरान पूर्व सीएम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, स्थानीय विधायक आरके दोगने, किसान नेता केदार सिरोही व अन्य के साथ घटनस्थल पर पहुंचे। इस दौरान शुरू के पुलिस व प्रशासन ने उन्हें घटना स्थल पर जाने से रोकने की कोशिश की। लेकिन सिंह के कड़े तेवर के बाद उन्हें जाने दिया गया। सिंह ने इस दौरान फैक्ट्री परिसर के पीछे के क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया और बेघर हो चुके लोगों से बात की। 

पीड़ितों ने पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि फैक्ट्री में प्रतिदिन 1200 लोग काम करते थे। उस दिन कुछ लोग शादी कार्यक्रम में चले गए थे इसलिए बच गए। अन्य लोग लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। एक महिला ने बताया कि पीड़ितों को सरकार द्वारा इलाज भी नहीं कराया जा रहा है। उनके सिर में ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री से निकले पत्थर से काफी चोट लगी है। लेकिन दो दिन अस्पताल का चक्कर काटने के बावजूद एक्सरे अथवा जांच नहीं की जा रही है।

एक अन्य महिला ने बताया कि घटना के वक्त उनकी बेटियां दूसरे तल पर काम कर रही थीं। उन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई। दोनों का पैर डैमेज हो गया है और वे चल-फिर भी नहीं सकती हैं। बस खाट लेटी हुई हैं।
पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से हताहत हुए लोगों के परिजनों ने बताया कि फैक्ट्री से दूर बने घर में लोगों मौत हो गई। ब्लास्ट इतना तेज था कि दीवार को छेड़कर पत्थर के टुकड़े घर में घुसे और जिसे लगा उसकी मौत हो गई। लोगों ने ये भी बताया कि कई ऐसे लोग हैं जो फैक्ट्री में काम नहीं करते थे वहां से दूर थे लेकिन ब्लास्ट के बाद पत्थर के टुकड़े इतनी तेजी से आए की वे बुरी तरह घायल हो गए।

सिंह को महिलाओं के एक समूह ने बताया कि फैक्ट्री के आसपास 60 से ज्यादा घर तबाह हुए हैं। जो लोग उस समय घरों में थे उन सबको चोट लगी है घर का सारा सामान बर्बाद हुआ है। अब न उनके पास रहने को घर है न घर का कोई सामान बचा है। सिंह ने स्थानीय नेताओं से उनका खाने का प्रबंध करने कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि आप सब को घर बनाने के लिए वे सरकार से बात करेंगे और हर संभव मदद करेंगे।