मध्य प्रदेश के 205 MLA हैं करोड़पति, 34 विधायकों पर दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले
ADR के मुताबिक इस बार 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 102 है। 2 से 5 करोड़ तक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 71 है। 50 लाख से 2 करोड़ तक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 48 जबकि 50 लाख से कम संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 9 है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में 16वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित 230 विधायकों में से 205 विधायक करोड़पति हैं। इनमें से 102 विधायकों के पास 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वहीं, 90 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के 163 में से 144 विधायक यानी 88 फीसदी और कांग्रेस के 66 में से 61 यानी 92 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। पिछली विधानसभा में करोड़पति विधायकों की संख्या 187 थी। सबसे अधिक संपत्ति वाले विधायकों में रतलाम से भाजपा विधायक चैतन्य कश्यप के पास 296 करोड़, विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक के पास 242 करोड़, छिंदवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलनाथ के पास 134 करोड़, भूपेंद्र सिंह के पास 84.34 करोड़ और सीहोर से भाजपा विधायक सुदेश राय के पास 74.71 करोड़ की संपत्ति है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 102 है। 2 से 5 करोड़ तक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 71 है। 50 लाख से 2 करोड़ तक की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 48 जबकि 50 लाख से कम संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 9 है। 2023 के चुनाव में निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 11.77 करोड़ रुपए है। 2018 में यह 10.17 करोड़ रुपए थी।
230 में से 90 विधायकों ने खुद पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी शपथ पत्र में दी है, जो कुल संख्या का 39 फीसदी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 में से 94 यानी 41 फीसदी विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। 2023 में चुनकर आए 34 विधायकों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले हैं, यह कुल संख्या का 15% है। 2018 में गंभीर मामलों में अपराधिक केस वाले विधायकों की संख्या 47 थी, जो कुल विधायकों की संख्या का 20% है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में पिछोर से जीते भाजपा के प्रीतम लोधी पर हत्या, हत्या के प्रयास से संबंधित मामला दर्ज है। उनके समेत विक्रम सिंह विक्की (रामपुर), इंदर सिंह परमार (शुजालपुर), यादवेंद्र सिंह जग्गू भैया (टीकमगढ़) और एक अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास से संबंधित केस हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे मामलों- रेप और अन्य अपराधों से संबंधित केस घोषित करने वाले विधायकों की संख्या तीन है।
एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि दोबारा निर्वाचित होने वाले विधायकों की संख्या 101 है। 2018 में दोबारा निर्वाचित होने वाले विधायकों की औसत संपत्ति 12.53 करोड़ थी। 2023 में यह बढ़कर 17.14 करोड़ रुपए हो गई यानी 5 साल में 4.60 करोड़ की औसत वृद्धि हुई है।
भाजपा के दो विधायक पांचवीं और चार आठवीं क्लास पास हैं। कांग्रेस के एक विधायक आठवीं तक पढ़े हैं। 10वीं पास विधायकों में भाजपा के 10 और कांग्रेस के 4 एमएलए शामिल हैं। वहीं, 12वीं पास विधायकों में बीजेपी के 31 और कांग्रेस के 12 एमएलए हैं। भाजपा के 38 और कांग्रेस के 11 विधायक ग्रेजुएट हैं। पोस्ट ग्रेजुएट वर्ग में कांग्रेस के 23, भाजपा के 47 विधायक हैं। कांग्रेस के तीन और भाजपा के चार विधायक पीएचडी होल्डर हैं।