पांढुर्णा के विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले में अब तक 488 लोग घायल, इलाके में धारा 144 लागू
दरअसल परंपरा के नाम पर यहां खूनी खेल खेला जाता है। मेले में घायलों के लिए 6 अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बनाय गए हैं। 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी यहां तैनात है।

पांढुर्णा। मध्य प्रदेश के पांढुर्णा में आज विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेला आज सुबह 10 बजे से शुरू हो चुका है। दरअसल परंपरा के नाम पर यहां खूनी खेल खेला जाता है। जाम नदी पर पांढुर्णा और सावरगांव से लोग एक दूसरे पर पत्थरों की बौछार कर रहे हैं।
शनिवार को 3:20 बजे तक 488 लोग घायल हुए है। जहां मेले में घायलों के लिए 6 अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बनाय गए हैं। 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी यहां तैनात है। इनके अलावा 58 डॉक्टर, 200 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ मौजूद है। जिला कलेक्टर अजय देव शर्मा ने धारा 144 लागू कर दी है। गोटमार मेले में साल 1955 से 2023 तक कुल 13 लोगों की जान गई। इनमें एक ही परिवार के तीन लोग शामिल है।
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मेले में तैयारी के लिए लोगों ने नदी किनारे ढेरों पत्थर इकट्ठा कर लिए है। दरअसल जाम नदी में चंडी माता की पूजा के बाद, साबर गांव के ग्रामीण पलाश के कटे हुए पेड़ को नदी के बीच में लगाते हैं। इसके बाद दोनों ही साबर और पांढुर्णा गांव के लोगों के बीच पत्थरबाजी शुरू होती है। वहीं साबर गांव के लोग पलाश का पेड़ और झंडा नहीं निकलने देते, इसे लकड़ी मानकर रक्षा करते हैं।