ट्रंप का एक कॉल आया और नरेंद्र तुरंत सरेंडर हो गए, BJP और RSS का यही चरित्र है: राहुल गांधी

बीजेपी, आरएसएस वालों को मैं अच्छी तरह जानता हूं। इन पर थोड़ा सा दबाव डालो, थोड़ा सा धक्का मारो। डरकर भाग जाते हैं: राहुल गांधी

Updated: Jun 03, 2025, 06:35 PM IST

भोपाल। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को एकदिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे। यहां उन्होंने रविन्द्र भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा और RSS पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि ट्रम्प का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए। इतिहास गवाह है, यही BJP-RSS का कैरेक्टर है। ये हमेशा झुकते हैं।

राहुल गांधी ने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि तब किसी का कॉल नहीं आया था बल्कि अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा आया था। उनके फाइटर प्लेन आ रहे थे। लेकिन इंदिरा जी ने कहा कि हमें फर्क नहीं पड़ता। अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों तोड़ा था। यही फर्क है। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां सुपर पावर से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं हैं।

राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें रेस का घोड़ा बनना होगा। उन्होंने कहा कि तीन तरह के घोड़े होते हैं। एक होता है रेस का घोड़ा, दूसरा होता है बारात का घोड़ा और तीसरा होता है लंगड़ा घोड़ा। हम क्या करते हैं कि बारात के घोड़े को रेस में भेज देते हैं और रेस वाले घोड़े को बारात में भेज देते हैं। हमें चिन्हित करना होगा कि कौन रेस का घोड़ा है और कौन बारात का घोड़ा है।

राहुल गांधी ने कहा कि देश का पूरा धन चुनिंदा लोगों के हाथ में सौंपा जा रहा है। चारों तरफ बस दो-तीन लोग दिखते हैं, जैसे इनके अलावा देश में कोई और बिजनेसमैन हैं ही नहीं। अमेरिका में अडानी पर केस चल रहा है, लेकिन हिंदुस्तान में ये कुछ भी कर सकते हैं, क्योंकि ये नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं। यानी- देश के 90% लोगों को परे करके सारा पैसा चुने हुए लोगों को सौंपा जा रहा है। अडानी-अंबानी चीन का माल भारत में बेचते हैं, खुद कमाई करते हैं और रोजगार चीन के युवाओं को मिलता है, जबकि यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। ये हिंदुस्तान की सच्चाई है। इस देश के युवा को रोजगार नहीं मिल रहा है और इसे छिपाया नहीं जा सकता है। जातिगत जनगणना से पता चल जाएगा कि किसको फायदा मिल रहा है और किसके साथ अन्याय हो रहा है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 90% है, लेकिन इनकी भागीदारी ही नहीं है।देश में कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को ही सारा पैसा दिया जाता है। आज दो हिंदुस्तान बन रहे हैं- एक 90% का हिंदुस्तान और दूसरा कुछ चुने हुए लोगों का हिंदुस्तान। ऐसे में हम सुपर पावर बनने की चाहे कितनी भी बात कर लें, लेकिन ये तभी संभव है जब हिंदुस्तान अपनी पूरी शक्ति का उपयोग करे।

राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि दलितों, पिछड़ों, गरीब जनरल कास्ट को जबरदस्त चोट लग रही है। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं, एक्स-रे करा लेते हैं। देख लेते हैं कि समस्या क्या है? शायद जातिगत जनगणना के बाद पता चले कि कोई प्रॉब्लम ही नहीं है, लेकिन अगर एक्स-रे में पता चले कि टांग टूटी हुई है तो कुछ तो करना पड़ेगा। यही कारण है कि BJP जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती, क्योंकि अगर जातिगत जनगणना हो गई तो इनका अडानी-अंबानी वाला मॉडल वहीं ख़त्म हो जाएगा।