हाई सिक्योरिटी वाले भोपाल सेंट्रल जेल में कैमरे से लैस ड्रोन, आतंकियों के सेल के पास हुआ बरामद
भोपाल सेंट्रल जेल में चाइनीज ड्रोन मिलने से हड़कंप मच गया है। यह ड्रोन खराब अवस्था में अंडा सेल के करीब मिला है। अंडा सेल में सिमी और अन्य संगठनों के आतंकी बंद हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी वाले सेंट्रल जेल में एक चीन निर्मित ड्रोन मिला है। बताया जा रहा है कि यह ड्रोन दो कैमरों से लैस था। ड्रोन उस जगह से मिला है जहां अंडा सेल है और सिमी के खतरनाक आतंकी बंद हैं। जेल के भीतर ड्रोन मिलने से हड़कंप मच गया है।
गणतंत्र दिवस से दो हफ्ते पहले आतंकियों के सेल के पास ड्रोन मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर जब प्रहरी जेल में गश्त कर रहे थे तभी उनकी नजर ड्रोन पर पड़ी जिसे तुरंत ही जेल के अधिकारियों को सुपुर्द किया गया। जेल में ड्रोन मिलने की जानकारी गांधी नगर थाने में भी दी गई है।
इस घटना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है, क्योंकि भोपाल की सेंट्रल जेल में कई आतंकवादी बंद हैं, जो अलग-अलग मामलों में शामिल रहे हैं। भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि बुधवार की दोपहर में जब प्रहरी सोनवार चौरसिया गश्त पर थे तभी उन्हें यह ड्रोन दिखा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल ने इस पूरे मामले की जानकारी ऊपर तक पहुंचा दी है और ड्रोन की जांच भी कराई जा रही है, क्योंकि भोपाल सेंट्रल जेल के आसपास का इलाका भी रिहायशी है।
बता दें कि भोपाल सेंट्रल जेल में इस वक्त 69 आतंकवादी बंद है। यह सभी अलग-अलग संगठनों से आते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 23 आतंकी सिमी संगठन के हैं, इसके बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 21, हिज्ब उत तहरीर (HUT) के 17 और ISIS के चार आतंकी जबकि JMB के भी चार आतंकवादी इस जेल में बंद है। ऐसे में भोपाल सेंट्रल जेल हर वक्त अलर्ट पर रहती है।
इन आतंकियों को हर रोज साढ़े तीन घंटे के लिए हाई सिक्योरिटी सेल से बाहर निकाला जाता है। जिससे वह अपने काम जैसे कपड़े सुखाना, धूप लेना, टहलना आदि कर सकें। इस दौरान इनपर नजर रखने की जिम्मेदारी 2 प्रहरियों की होती है। आतंकियों को सुबह ढाई घंटा, जबकि शाम में एक घंटा बाहर निकाला जाता है। उन्हें किसी से बातचीत की इजाजत नहीं होती। सभी आतंकियों को बाहर निकालने पर भी अलग-अलग रखा जाता है।
आतंकी कामरान, अबू फैजल, शिबली और कमरुद्दीन को छोड़कर सभी 65 आतंकियों को जेल मैन्युअल के हिसाब से परिजनों से मिलने की और कैंटीन की सुविधा मिलती है। जबकि इन चारों को जेल मैन्युअल की तरह की आजादी नहीं मिलती है।