कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, चार महीने में आठवें चीते की गई जान

मध्य प्रदेश में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। 14 जुलाई को फिर श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। इस चीते का नाम सूरज था।

Updated: Jul 14, 2023, 04:50 PM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को फिर श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। इस चीते का नाम सूरज था। सूरज कूनो नेशनल पार्क में अज्ञात कारणों के चलते मृत अवस्था में मिला। इस घटना के बाद वन अमले में हड़कंप मचा हुआ है। 2 दिन पहले तेजस नाम के चीते की मौत हुई थी। पिछले चार महीनों में कूनो में यह आठवें चीते की मौत हुई है।

बताया जा रहा है कि तेजस और सूरज की पिछले दिनों लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में गर्दन पर गहरा घाव लगने की वजह से तेजस की मौत हो गई. इस लड़ाई में सूरज भी गंभीर रूप से घायल था। आज उसने भी दम तोड़ दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अग्नि नाम के एक चीते के पैर में भी फ्रैक्चर है।

बता दें कि 70 साल बाद देश में चीतों की वापसी हुई थी, जब 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। हालांकि, अब आठ चीतों की मौत के बाद वन अमले पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अब कूनो सिर्फ 15 चीते ही बचे हैं। चीता प्रोजेक्ट में पहले से ही कहा गया है कि पहले साल आए 20 चीतों में से अगर 10 यानी 50% भी सर्वाइव कर जाते हैं तो यह प्रोजेक्ट सफल माना जाएगा।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी चीतों की हो रही सिलसिलेवार मौतों पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व सीएम ने ट्वीट किया, 'कूनो नेशनल पार्क में आज आठवें चीते की मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ। लगातार चीतों की मौत होने के बावजूद अब तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है जिसमें इन वन्य प्राणियों के जीवन को संरक्षित करने की कोई पहल की गई हो। राजनैतिक प्रदर्शन-प्रियता के लिए वन्य प्राणियों को शोभा की वस्तु बनाना, लोकतंत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता। मैं जिम्मेदार लोगों से आग्रह करता हूं कि वह पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों से चर्चा कर शीघ्र ही ऐसा कोई प्लान बनाएं, जिनसे इन प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सके।'