बालाघाट: पूर्व जिला पंचायत सदस्य डाली दमाहे की मौत, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप
डाली दमाहे की मौत के बाद बालाघाट में तनाव, नामजद आरोपियों की नहीं हुई है गिरफ्तारी, शिव बारात निकालने को लेकर हुए विवाद में चाकू मारकर हत्या का आरोप, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने की कार्रवाई की मांग
बालाघाट। बीते कई दिनों से बालाघाट में शिव बारात को लेकर तनाव की खबरें गर्म हैं। लोधी समाज के लोग आरोपी बजरंग दल कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क और थाना एक किए हुए हैं। लोधी महासभा के उपाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य डाली दमाहे पर हमला और फिर गुरुवार को इलाज के दौरान हुई उनकी मौत से तनाव गहरा गया है। डाली दमाहे की मौत से लोधी समाज के लोग बेहद खफा हैं।
दरअसल, 28 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर डाली दमाहे द्वारा कालीपाठ मंदिर से शिव बारात निकाली गई थी। इस दौरान डाली दमाहे का बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ विवाद हुआ था। हालांकि उस वक्त विवाद कहासुनी तक सीमित रहा। शिव बारात संपन्न होने के बाद डाली दमाहे अपने घर पहुंचे। उसी रात करीब साढ़े 11 बजे डाली दमाहे के घर 6 लोग पहुंचे और चाकू से गोदकर उन्हें लहूलुहान कर दिया।
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इस दौरान बीच-बचाव में उनका भांजा आया तो हमलावरों ने उसके जांघ पर चाकू से हमला कर उसे भी घायल कर दिया। हमले के बाद हमलावर वहां से फरार हो गए। घटना के बाद दोनों को किसी तरह जिला अस्पताल ले जाया गया। डाली दमाहे और उनके भतीजे की ओर से मिली शिकायत के आधार पर नवेगांग थाने में बजरंग दल अध्यक्ष भाऊ अग्रवाल समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन सभी आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।
आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोधी महासभा ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा था। लोधी महासभा ने सख्त कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। इसके अगले दिन यानी गुरुवार को दोपहर डाली दमाहे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद से उनके गांव गोंगलई सहित जिला मुख्यालय में तनाव का माहौल है। डाली दमाहे की मौत की खबर ने लोगों को आक्रोशित कर दिया है, जिसे देखते हुए पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है।
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्रवाई की मांग की है। सिंह ने कहा है कि, 'डाली दमाहे हर वर्ष शिवरात्रि पर धूमधाम से शिवजी की बारात का आयोजन करते थे जिसमें सभी धर्म व वर्ग के लोग शामिल होते थे। इस वर्ष विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के नेताओं ने डाली पर दबाव डाला कि शिव बारात उनके नेतृत्व में निकाली जाएगी। जब उसने इंकार कर दिया तो विहिप व बजरंग दल के लोगों ने सुनियोजित हमला कर चाकू से डाली की हत्या कर दी।'
जब उसने इंकार कर दिया तो उस पर VHP के ज़िलाध्यक्ष संजीव उर्फ़ भाऊ अग्रवाल व VHP के प्रांतीय संयोजक ललित पारधी द्वारा सुनियोजित हमला कर चाकू से डाली की हत्या कर दी गई।ज़िला पुलिस को बिना किसी दबाव के निष्पक्षता से कार्रवाई करना चाहिए।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 4, 2022
2/n@ChouhanShivraj
राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया है कि धर्म के नाम पर VHP बजरंग दल के नेता शासन के संरक्षण में हिंसा का रास्ता अपना रहे हैं। उन्होंने ज़िला पुलिस से बिना किसी दबाव के निष्पक्षता से कार्रवाई की मांग की है।