BJP सांसद ने खोली 108 एंबुलेंस सेवा की बदहाली की पोल, CM से की संचालन व्यवस्था में सुधार की अपील
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर जिले की पुरानी और जर्जर 108 एंबुलेंस को हटाकर नई लाइफ सपोर्ट सिस्टम से युक्त एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग की है।
बड़वानी। मध्य प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। इसी महीने बड़वानी में एक एंबुलेंस बीच सड़क पर खराब हो गई, जिसे स्थानीय लोगों ने धक्का मारकर स्टार्ट किया। एंबुलेंस सेवाओं की बदहाली को लेकर भाजपा के ही राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पुरानी और जर्जर 108 एंबुलेंस को हटाकर नई लाइफ सपोर्ट सिस्टम से युक्त एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग की है।
डॉ. सोलंकी ने पत्र में बताया कि बड़वानी जिले में 108 एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। कई बार आपात स्थिति में मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पा रहा है, जिससे उनकी जान पर खतरा बन जाता है। सांसद ने बताया कि जिले में फिलहाल 108 सेवा के तहत कुल 38 एंबुलेंस वाहन हैं। इनमें से 5 वाहन पूरी तरह खराब पड़े हैं। शेष 33 एंबुलेंस में से भी कई की हालत जर्जर है और वे कभी भी रास्ते में खराब हो जाती हैं। इस कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. सोलंकी ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में लिखा है कि उन्होंने इस विषय में जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन से चर्चा की है। अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि जिले में एंबुलेंस की स्थिति खराब है और पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक को पत्र भेजकर मांग की है कि जर्जर 108 एंबुलेंस को हटाकर नई लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस भेजी जाएं। साथ ही जिले में एंबुलेंस की संख्या 38 से बढ़ाकर 50 किए जाने की भी मांग की गई है।
डॉ. सोलंकी ने कहा कि बड़वानी जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मजबूत और भरोसेमंद एंबुलेंस सेवा बेहद जरूरी है। 108 सेवा आपातकालीन स्थिति में लोगों के लिए जीवनरेखा होती है। इसलिए इसकी तकनीकी स्थिति, संचालन व्यवस्था और जीवनरक्षक सुविधाओं की गंभीरता से समीक्षा कर जल्द सुधार किया जाना चाहिए।




