कानूनी तर्कों में उलझाकर जातिगत सर्वेक्षण बंद कराना चाहती थी BJP, पटना हाईकोर्ट के फैसले पर बोले कमलनाथ

भाजपा की सामंती सोच ग़ैर-बराबरी और दमन की रही है, इसीलिए वो ग़रीब-कमज़ोर के हक़ को मारने के लिए जातीय जनगणना की विरोधी है: कमलनाथ

Updated: Aug 03, 2023, 07:31 PM IST

भोपाल। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व देशभर में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। इसी बीच बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातिगत जनगणना पर लगी रोक हटा लिया है। उच्च न्यायालय के इस फैसले पर कमलनाथ की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि भाजपा कानूनी तर्कों में उलझाकर जातिगत सर्वेक्षण बंद कराना चाहती थी। हाल ही में कमलनाथ ने ऐलान किया था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही, जातिगत जनगणना कराए जाएंगे।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'भाजपा ‘जातिगत सर्वेक्षण’ को क़ानूनी तर्कों में उलझाकर बंद करवाना चाहती थी लेकिन माननीय पटना उच्च न्यायालय ने इस पर लगी रोक को हटाकर हर वंचित, शोषित के लिए ‘सामाजिक न्याय’ ही नहीं बल्कि आने वाले समय में ‘आर्थिक न्याय’ का भी रास्ता खोल दिया है।
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोग जब अपने अधिकारों के लिए मिलकर एक साथ खड़े हो जाएँगे तो ये प्रभुत्ववादी सोच के गिनती के लोग सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली इस गिनती-गणना के आगे कहीं नहीं टिकेंगे।'

कमलनाथ ने आगे कहा, 'जातीय जनगणना सबके हक़ की आनुपातिक हिस्सेदारी की राह खोलेगी और सच में लोकतंत्र की दिशा नीचे-से-ऊपर की ओर जाएगी। भाजपा की सामंती सोच ग़ैर-बराबरी और दमन की रही है, इसीलिए वो ग़रीब-कमज़ोर के हक़ को मारने के लिए जातीय जनगणना की विरोधी है। जनता जातीय जनगणना को रोकनेवाली भाजपा को अगले चुनाव में इस तरह बहिष्कृत करेगी कि मतगणना के दिन न तो उनके नेता दिखाई देंगे और न ही उनके प्रत्याशी। भाजपा सामाजिक हक़मारी का प्रतीक है।'

बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जातिगत सर्वेक्षण का मुद्दा अहम माना जा रहा है। हाल ही में कमलनाथ ने ऐलान करते हुए कहा था कि, 'कांग्रेस की सरकार आते ही प्रदेश में जातिगत जनगणना कराए जाएंगे, ताकि जानकारी मिल सके कि हमारे समाज के गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है।'