सोयाबीन का भाव 6000 से नीचे मंजूर नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान- आंदोलन जारी रहेगा

किसानों के लगातार विरोध के बावजूद सरकार ने सोयाबीन का भाव 4892 से आगे नहीं बढ़ाया है, इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आक्रोश व्यक्त किया है।

Updated: Sep 12, 2024, 02:31 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर किसान आंदोलित हैं। सोयाबीन किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में सम्मेलन कर रहे हैं। आंदोलन के बावजूद राज्य सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नहीं है। हालत ये है कि राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक कर पहले से तय एमएसपी यानी 4892 रुपए क्विंटल खरीदी का ही प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया। वहीं, केंद्र द्वारा तत्काल इसे मंजूर भी कर दिया गया। इसे लेकर किसानों में आक्रोश है और संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा।

राज्य सरकार के निर्णय पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के किसान नेताओं द्वारा वर्चुअल बैठक की गई जिसमें सभी किसान नेता उपस्थित थे। सभी ने सोयाबीन MSP पर खरीदी के प्रस्ताव के कदम का स्वागत किया किंतु संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि मध्य प्रदेश के तमाम किसानों की पहले दिन से स्पष्ट मांग है सोयाबीन का न्यूनतम भाव ₹6000 प्रति कुंटल कर उस पर खरीदी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे कम भाव हमें स्वीकार नहीं है। 

बैठक के बाद संयुक्त मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि एमएसपी 6000 रुपए क्विंटल किए जाने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। संयुक्त मोर्चा ने बताया कि 13 सितंबर को हरदा जिले में बड़ी किसान रैली होगी जिसमें प्रदेश भर के किसान नेता जुटेंगे। मोर्चा ने कहा कि हम सरकार के प्रति आशावादी हैं कि सरकार जल्द किसानों की इस मांग पर कदम उठाए।

संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी रंजीत किसानवंशी ने बताया कि सोयाबीन के उचित भाव को लेकर मध्य प्रदेश का किसान आंदोलनरत है। किंतु सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए कुछ अतिरिक्त नहीं किया है। केंद्र सरकार तेलंगना, कर्नाटक, महाराष्ट्र में पहले ही MSP पर सोयाबीन खरीदी के आदेश दे चुकी है ऐसे में मध्य प्रदेश के किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने कोई अतिरिक्त कदम नहीं उठाया। मध्य प्रदेश के किसान पहले दिन से स्पष्ट मांग कर रहे हैं सोयाबीन का न्यूनतम भाव ₹6000 प्रति क्विंटल हमको मिलना चाहिए।

रंजीत किसानवंशी ने बताया कि CACP के जो लोग दिल्ली में बैठकर MSP की गणना करते हैं उनके पास सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सरकार के समक्ष आंकड़ों के साथ चर्चा करने को तैयार हैं। सरकार खुद अपने सोयाबीन उत्पादक फर्म से आंकड़े निकला सकती है। वर्तमान MSP पर खरीदी होने पर भी किसानों को घटा लगेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के सभी किसान नेताओं ने सोयाबीन फसल का भाव ₹6000 प्रति कुंतल मिलने तक इस लड़ाई को जारी रखने की प्रतिबद्धता दिखाई है। मध्य प्रदेश में आंदोलन निरंतर जारी रहेगा जब तक सोयाबीन का भाव ₹6000 प्रति कुंतल पर सरकार अपनी नीति स्पष्ट नहीं करती।