प्रदेश में फिलहाल नहीं होंगे नगरीय निकाय चुनाव, निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब

निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट को एक याचिका के संबंध में जवाब देते हुए कहा कि जब तक कोरोना की तीसरी लहर की स्थिति साफ नहीं हो जाती तब तक प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे

Publish: Jul 27, 2021, 02:14 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में अभी और देरी हो सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने खुद इस बात की जानकारी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को दी है। निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में यह कहा है कि जब तक कोरोना की तीसरी लहर की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे। 

हाई कोर्ट में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दाखिल एक याचिका के जवाब में निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी हाई कोर्ट को दी है। निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को इस बात से अवगत कराया है कि आयोग विशेषज्ञों की सलाह और कोरोना के हालातों पर समीक्षा करने के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लेगा। 

निर्वाचन आयोग के इस जवाब के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी कोरोना संक्रमण के चलते वायरस से बचाव को ही प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में नगरीय निकाय चुनावों पर फिलहाल रोक लगाए जाने की मांग की गई थी। 

दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव बारंबार टल रहे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर से ही नगरीय निकाय चुनाव जल्द होने की चर्चा जोरों पर है। कोरोना की दूसरी लहर से पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अप्रैल मई के महीने में नगरीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। लेकिन अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण चुनाव नहीं हो सके। 

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हालिया दिनों में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम पड़ने लगी थी। जिसके बाद एक बार फिर नगरीय निकाय चुनावों की सुगबुगाहट तेज़ हो गई थी। लेकिन कोरोना की संभावित लहर को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने खुद ही परिस्थिति सामान्य होने तक चुनावों को टालने का मन बनाया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान लापरवाही बरतने के लिए निर्वाचन आयोग की किरकिरी भी हो चुकी है।

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यूपी में पंचायत चुनाव के दौरान करीब 700 से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी के दौरान मौत होने की खबर आई थी। वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान लापरवाही बरतने के लिए मद्रास हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग पर तल्ख टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया था कि क्यों न चुनाव आयोग के अक्षम अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए?