अमेरिका में भारतीय इंजीनियर की पुलिस ने गोली मारकर की हत्या, मौत से पहले नस्लीय उत्पीड़न का लगाया था आरोप

तेलंगाना के 30 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन को अपने रूममेट के साथ कथित विवाद के बाद 3 सितंबर को कैलिफोर्निया के सांता क्लारा पुलिस ने उसे गोली मार दी थी।

Updated: Sep 19, 2025, 12:20 PM IST

अमेरिका में मास्टर्स की पढ़ाई करने गए और सॉफ्टरवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने वाले तेलंगाना के 30 वर्षीय स्टूडेंट मोहम्मद निजामुद्दीन की हत्या कर दी गई। अपने रूममेट के साथ कथित विवाद के बाद 3 सितंबर को कैलिफोर्निया के सांता क्लारा पुलिस ने उसे गोली मार दी थी। भारत में परिवार ने अब विदेश मंत्रालय से उसके पार्थिव शरीर को लाने में मदद करने का अनुरोध किया है। बॉडी को अभी औपचारिकताओं के लिए सांता क्लारा के एक अस्पताल में रखा गया है।

गोलीबारी की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, तेलंगाना के महबूबनगर में परिवार और दोस्तों का कहा कि निजामुद्दीन एक शांत, धार्मिक युवक था। परिवार ने बताया कि गोली मारे जाने से दो हफ्ते पहले एक लिंक्डइन पोस्ट में निजामुद्दीन ने सार्वजनिक रूप से नस्लीय उत्पीड़न, वेतन में धोखाधड़ी और गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने की शिकायतें उठाई थीं।

उस पोस्ट में निजामुद्दीन ने लिखा था कि बहुत हो गया, श्वेत वर्चस्व/नस्लवादी श्वेत अमेरिकी मानसिकता को समाप्त करना होगा। उसने इस पोस्ट में नस्लीय भेदभाव, उनके भोजन में जहर देने, निष्कासन और एक जासूस द्वारा लगातार निगरानी और धमकी जैसे आरोप लगाए थे। इस पोस्ट के कुछ हिस्से उसकी मौत के बाद सोशल मीडिया और कम्युनिटी चैनलों पर शेयर किए गए थे।

सांता क्लारा पुलिस के बयानों के अनुसार जब घर के अंदर से चाकूबाजी के बारे में 911 पर कॉल आया तब पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे थे। पुलिस का कहना है कि अधिकारियों ने चाकू से लैस एक संदिग्ध का सामना किया, जब संदिग्ध ने पुलिस की दिए आदेशों का पालन नहीं किया तो गोली चलाई गई। पुलिस विभाग ने एक बयान में कहा कि संदिग्ध ने अपने रूममेट को नीचे गिरा दिया था और रूममेट को चाकू से कई चोटें आई थीं।

हालांकि, परिवार ने पुलिस के दावे के कुछ हिस्सों पर विवाद किया है और कहा है कि गोली लगने से पहले निजामुद्दीन ने ही मदद के लिए पुलिस को बुलाया था। मृतक निजामुद्दीन ने पहले फ्लोरिडा (कंप्यूटर साइंस में मास्टर) में पढ़ाई की थी और बाद में अमेरिका में टेक्निकल कंपनियों में काम किया। मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने निजामुद्दीन के पिता मोहम्मद हसनुद्दीन और अन्य रिश्तेदारों से मुलाकात की। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वाशिंगटन, डी.सी. में भारतीय दूतावास और सैन फ्रांसिस्को में महावाणिज्य दूतावास एक विस्तृत रिपोर्ट दे और पार्थिव शरीर को वापस भारत लाने और संबंधित औपचारिकताओं में मदद करें।