CM Shivraj Singh के क्षेत्र में रेत माफिया का विवाद व हवाई फायर 

Sehore : पुलिस चौकी से कुछ मीटर की दूरी पर हुआ विवाद, अज्ञात 40 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज 

Updated: Jul 28, 2020, 12:40 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र में रेत माफियाओं का आतंक शनिवार देर रात को एक बार फिर देखने को मिला। रॉयल्टी विवाद पर रेत कम्पनी एवं स्थानीय रेत माफिया आमने-सामने हो गए। लाड़कुई पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर हुए इस संघर्ष में हवाई फायर भी हुए। पुलिस ने अज्ञात 40 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

रेत खनन का ठेका लेने वाली पावर मेक कंपनी एवं स्थानीय रेत माफियाओं के बीच कई दिनों से रॉयल्टी को लेकर विवाद जारी है। इसी क्रम में शनिवार रात्रि 1 बजे के लगभग ग्राम लाड़कुई में पावर मेक कंपनी के कर्मचारियों व स्थानीय रेत माफियाओं के बीचरॉयल्टी को लेकर विवाद होने लगा। सूत्रों के अनुसार देखते ही देखते दोनों ओर से बंदूके तन गई और तीन राउंड हवाई फायर भी यहां पर हुए। हालांकि पुलिस हवाई फायर की पुष्टि नहीं कर रही है। नसरूल्लागंज थाना प्रभारी मनोज सिंह के अनुसार इस मामले में 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही पूरे मामले खुलासा होगा।  

लॉकडाउन में भी रेत का अवैध उत्खनन 

शनिवार देर रात को रेत खनन कंपनी एवं स्थानीय रेत ठेकेदारों के बीच हुए विवाद से स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। प्रशासन के द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर गुरूवार से रविवार तक लॉकडाउन लगाया है। इस दौरान शराब की दुकानें भी पूरी तरह बंद रही तथा बैंकों में भी लॉकडाउन रहा। लेकिन रेत के खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने में प्रशासन अक्षम साबित हुआ।  

पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर हुआ विवाद 

लाड़कुई में पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर हुए विवाद के दौरान मात्र 2 या 3 पुलिस जवान ही चौकी में थे। बताया जाता है की हवाई फायर होने के बाद कुछ लोग चौकी के अंदर भी गए थे। पुलिसकर्मियों ने अपनी जान बचाने के लिए चौकी से बाहर निकलकर अन्य जगह शरण ली।

 कम्पनी के कर्मचारियों को हथियार रखने की अनुमति है? 

पॉवर मेक कम्पनी  द्वारा रेत खनन का ठेका लेने के बाद क्षेत्र में अपना वर्चस्व जमाया जा रहा है। कुछ दिन पहले कम्पनी ने सिंहपुर बिना अनुमति जांच नाका भी लगाया लिया था। सोशल मीडिया पर लगातार विरोध के बाद उसे हटाया गया। अब कम्पनी के कर्मचारी हथियार के साथ क्षेत्र में आतंक स्थापित कर रहे हैं। सवाल उठ रहे है, कि क्या कम्पनी के कर्मचारी अपनी गाडिय़ों में मय हथियारों के साथ लगातार घूमसकते है क्या? प्रशासन ने जाँच नाका बनाने और हथियार रखने की अनुमति दी गई है?