बर्फीली हवाओं ने मध्य प्रदेश में बढ़ाई ठंड, भोपाल में 36 साल बाद नवंबर में इतना कम तापमान
भोपाल समेत प्रदेश के कई इलाकों में जनवरी जैसी सर्दी पड़ रही है। भोपाल में पारा 8.8 डिग्री पर पहुंच गया। नवंबर में 36 साल बाद यह रात का सबसे कम तापमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। भोपाल समेत कई इलाकों में जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण तापमान में गिरावट आई है। अगले कुछ दिनों तक ठंड का कहर जारी रहने की संभावना है।
दरअसल भोपाल के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत अन्य जिलों में भी ठंड ने जोर पकड़ लिया है, क्योंकि पहाड़ों से आ रही ठंडी हवा ने तापमान में गिरावट ला दी है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री दर्ज किया गया जो 36 साल बाद नवंबर में सबसे कम है।
इससे पहले 1988 में नवंबर में सबसे कम रात का तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक उत्तर से आ रही ठंडी हवा का असर भोपाल संभाग और आसपास के इलाकों में ज्यादा है। अगले दो-तीन दिन इसी तरह तापमान रहने की संभावना है।
पचमढ़ी को छोड़कर भोपाल मप्र मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा शहर बन गया है, जहां शीतलहर का खतरा बना हुआ है। पचमढ़ी में रात का तापमान 6.6, उमरिया में 8.9, राजगढ़ में 9.2 और नौगांव में 9.5 डिग्री रहा। इसी तरह रायसेन में 10 डिग्री, छिंदवाड़ा में 10.6 डिग्री, गुना-खरगोन में 11 डिग्री, रीवा-टीकमगढ़ में 11.2 डिग्री, खंडवा-रीवा में 11.4 डिग्री, सतना में 11.5 डिग्री, बैतूल में 11.7 डिग्री रहा।
ठंड बढ़ने के साथ ही भोपाल में प्रदूषण का स्तर दिल्ली जैसा हो गया है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच जाने के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।