IT Raids: फेथ बिल्डर्स पर आयकर छापों पर भाजपा मौन क्यों

Congress: आयकर छापे में बिल्डर राघवेन्द्र सिंह तोमर के साथ मंत्री अरविंद भदौरिया के रिश्ते उजागर करते हुए कांग्रेस ने मांगा मंत्री का इस्तीफा

Updated: Aug 22, 2020, 08:34 AM IST

भोपाल। राजधानी में दो प्रमुख बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता पर पड़े आयकर छापों के बाद से ही कांग्रेस बीजेपी के ऊपर हमलावर है। बिल्डर राघवेन्द्र सिंह तोमर से शिवराज सरकार में मंत्री अरविंद भदौरिया के रिश्ते पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने पूछा है कि करोड़ों की बेनामी संपत्ति व काली कमाई का खुलासा करने वाली इस कार्यवाही पर बीजेपी मौन क्यों है? 

शुक्रवार को कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता और नरेंद्र सलूजा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि जिस प्रकार से करोड़ों की बेनामी संपत्ति व करोड़ों की काली कमाई की बातें सामने आ रही है, उससे यह साफ रूप से स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश के मंत्रियों व बड़े अफसरों की भ्रष्टाचार की काली कमाई कहीं ना कहीं इनके यहां पर निवेश की गई थी। सभी जानते हैं कि मंत्री अरविंद भदौरिया के फेथ बिल्डर के मालिक राघवेंद्र सिंह तोमर से क्या संबंध है?

कांग्रेस ने बिल्डर राघवेन्द्र सिंह तोमर के साथ अरविंद भदौरिया के संबंध को प्रमाणित करने के लिए कई उदाहरण दिए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि अरविंद भदौरिया के राघवेन्द्र सिंह तोमर से न सिर्फ घनिष्ठ संबंध हैं अपितु खुद मंत्री अरविंद भदौरिया और शिवराज सरकार में अन्य मंत्री भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। 

कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता के दौरान भदौरिया और राघवेन्द्र सिंह के बीच घनिष्ठता का उदाहरण देते हुए कहा  कि यह वही राघवेंद्र सिंह तोमर हैं जिनका नाम व्यापम घोटाले के प्रीपीजी मामले में सामने आया था, बाद में इन्हें सरकारी गवाह बना लिया गया। राघवेंद्र तोमर की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी चलाते तस्वीर उस समय वायरल भी हुई थी। इके बारे में मंत्री अरविंद भदौरिया ने खुले रुप से बयान जारी कर कहा था कि वे उनके छोटे भाई हैं और कांग्रेस सरकार पर तमाम आरोप लगाए थे। इन्हीं की क्रिकेट एकेडमी में मंत्री अरविंद भदौरिया साइकिल चलाते हुए घूमते नजर आते हैं। यहीं मंत्री भदौरिया कोरोना होने पर क्वारंटाइन हुए थे। राघवेंद्र तोमर के नाम पर पंजीकृत गाड़ियों का उपयोग मंत्री भदोरिया ने कई बार सार्वजनिक रूप से किया, जिसके प्रमाण भी मौजूद है। राघवेंद्र तोमर की पहुंच सत्ता के शीर्ष पर थी और भाजपा सरकार में वर्तमान में चल रहे ट्रांसफर उद्योग में भी इनकी भूमिका की बातें समय-समय पर सामने आती रही है। कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उनके करीबी रिश्तेदार हैं। उनकी महत्वपूर्ण पोस्टिंग में इनकी भूमिका की बात सामने आती रही हैं। 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह वही राघवेंद्र तोमर है जिनके बारे में कांग्रेस को यह जानकारी लगी थी कि प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त और कांगे्रस सरकार के तख्तापलट में जो काली कमाई का उपयोग हुआ है, उसमें बड़ी भूमिका इन्हीं की है। वर्तमान के आयकर छापे कहीं ना कहीं उस काली कमाई की पुष्टि भी कर रहे हैं और कांग्रेस सरकार के तख्तापलट में राघवेंद्र तोमर की भूमिका और काली कमाई की ओर इशारा भी कर रहे हैं। 

कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर क्या कारण है इतने बड़े आयकर छापों के बाद भाजपा और उसके जिम्मेदार तमाम नेता मौन धारण किए हुए हैं, कुछ बोलने को तैयार नहीं है? मंत्री अरविंद भदौरिया कह रहे हैं कि मैं सिर्फ राघवेन्द्र तोमर को पहचानता हूं, मेरा उनसे कोई रिश्ता नहीं है। जबकि उनके निकट संबंध व रिश्ते के कई प्रमाण मौजूद हैं और वह किसी से छुपे नहीं है। 

प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अरविंद भदौरिया को तत्काल प्रभाव से मंत्री मंडल के बाहर रखने की बात कही है। इसके साथ ही कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम और मामले की जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने मामले की जांच पूरी होने तक भदौरिया को मंत्रिमंडल से बाहर रखने के लिए कहा है। 

इसके साथ ही प्रेस वार्ता में कांग्रेस ने मांग की है कि बिल्डरों को किस का राजनैतिक संरक्षण रहा है तथा
2003 के बाद इनके निजी खातों की भी जांच भी करने के लिए कहा है। कांग्रेस ने पूछा है कि 2003 से पहले राघवेंद्र सिंह तोमर के पास कितनी संपत्ति थी और आज कितनी है? इसके साथ ही कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह पूरा मामला ग्वालियर - चम्बल क्षेत्र के भाजपा के अंतर्कलह व गुटबाज़ी से भी जुड़ा हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी में एक दूसरे का निबटाने का खेल शुरू हो चुका है।