पीथमपुर में ट्रक से उतारे गए जहरीले कचरे से भरे कंटेनर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही होगा निष्पादन

रामकी कंपनी परिसर में गुरुवार को दोपहर के समय प्रशासन के अफसर-नेता सहित पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कंटेनरों को नीचे उतारा गया।

Updated: Feb 14, 2025, 02:39 PM IST

पीथमपुर। भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को धार जिले के पीथमपुर स्थित संयत्र में लाकर निस्तारित करने की प्रक्रिया विरोध के कारण रुकी हुई है। पीथमपुर में भारी विरोध के कारण 41 दिन से कचरे से भरे ट्रॉले रामकी कंपनी परिसर में ही खड़े थे। इन 12 कंटेनरों को गुरुवार दोपहर ट्रॉलों से नीचे उतार दिया गया।

दरअसल, 41 दिन से ट्रॉले रामकी कंपनी परिसर में ही खड़े थे। इनका एक महीने का किराया भी लगभग 12 लाख रुपए हो चुका है। अभी कंटेनरों से जहरीला कचरा बाहर नहीं निकाला गया है। हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद ही कचरे को कंटेनरों से बाहर निकाला जाएगा। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का कहना है यहां होने वाल वाली हर प्रक्रिया की सीसीटीवी निगरानी होगी।

यह भी पढे़ं: अवैध रेत खनन से नर्मदा नदी पर खतरा, बीजेपी सांसद ने लोकसभा में उठाया नर्मदा उत्खनन का मुद्दा

गुरुवार को दोपहर के समय प्रशासन के अफसर-नेता सहित पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कंटेनरों को नीचे उतारा गया। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद दो क्रेन की मदद से कंटेनरों को अनलोड किया गया। प्रशासन ने बताया कि एक माह से खड़े कंटेनरों के कारण कंपनी काे 12 लाख रु. का किराया वाहन का लग रहा था। इसलिए अनलोड करने की कार्रवाई की गई।

धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने कहा कि अभी सिर्फ इन कंटेनरों काे उतारा गया है। इन्हे खोलने की प्रक्रिया का काेई आदेश नहीं मिला है। गौरतलब है कि भोपाल से यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में 2 जनवरी काे 12 कंटेनरों में लाया गया था। कचरा पीथमपुर पहुंचने के बाद लगातार आमजन आक्रोशित थे। इसी के चलते पिछले 41 दिनाें से यह कंटेनर ऐसे ही कंपनी में खड़े हुए थे।

उधर, पीथमपुर बचाओ समिति सहित अनेक संगठनों ने बुधवार काे कचरा निष्पादन के विरोध में शवासन की मुद्रा कर विरोध प्रदर्शन किया था। सीएसपी विवेक गुप्ता ने बताया कि बगैर अनुमति प्रदर्शन करने के मामले में संदीप रघुवंशी, डॉ. हेमंत हिरोले, मोना सोलंकी, प्रदीप दुबे आदि पर केस दर्ज किया गया है।