कांग्रेस आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बोले कमलनाथ

देश को आजादी दिलाने की लड़ाई कांग्रेस पार्टी ने लड़ी, भारत के राष्ट्र निर्माण की लड़ाई भी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में लड़ी गई, अब कांग्रेस आजादी की नई लड़ाई लड़ने जा रही है: कमलनाथ

Updated: Aug 14, 2022, 03:04 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि अब आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है। कांग्रेस पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। क्या आप सब तैयार हैं? 

कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि, 'लोकतंत्र का मुखौटा ओढ़कर कुछ ताकतों ने हमें बहकाने का काम किया। उन्होंने झूठे और बड़े सपने दिखाए, जैसे सपने कभी ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीयों को दिखाए थे। लेकिन अंग्रेजों की तरह ही इन ताकतों की इच्छा भारत का कल्याण करना नहीं है बल्कि भारत को लूटना है, भारतवासियों की आजादी को छीनना है। आज देश के कदम आजादी से गुलामी की तरफ बढ़ाये जा रहे हैं।'

पूर्व सीएम ने कहा कि, 'आज देश पर 128 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है और मध्यप्रदेश पर 3 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। देश की गुलामी की शुरूआत देश पर कर्जे से ही होती है। आज देश का किसान आजादी छीनी जा रही है। उसकी जमीन छीनने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं और किसान भाईयों को आंदोलन करना पड़ रहा है, अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ रही है। आज अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है। आम आदमी तो छोड़िये बड़े-बड़े पत्रकार और मीडिया समूह तक अपनी बात खुलकर नहीं कह पा रहे हैं।'

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कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'आज सूचना के अधिकार की आजादी छीनी जा रही है। आज आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर जेल में डाला जा रहा है।
क्या आज हम यह कह सकते हैं कि देश का चुनाव आयोग, रिजर्व बैंक, सी.बी.आई., ई.डी., इनकम टैक्स विभाग और अदालतें आजाद है? क्या जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि आजाद हैं?' 

उन्होंने कहा, 'आज जनता को आजादी नहीं है। गरीब को रोटी खाने की आजादी नहीं, उसे आटे पर जी.एस.टी. देना है। युवाओं को रोजगार की आजादी नहीं, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को सुरक्षा और सम्मान की आजादी नहीं है, पिछड़ों को सामाजिक बराबरी की आजादी नहीं, देश के नागरिकों को जीने की आजादी नहीं, सड़क पर बिना टैक्स दिये चलने की आजादी नहीं, पत्रकार को लिखने की आजादी नहीं, किसान को खेती की आजादी नहीं, श्रमिक को श्रम की आजादी नहीं, व्यापारी को व्यापार करने की आजादी नहीं, चुने हुए प्रतिनिधियों को सरकार बनाने की आजादी नहीं। तो फिर यह कैसी आजादी है?'

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कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'आज देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हम सबको आजादी की एक नई लड़ाई लड़ने का संकल्प लेना होगा। आजादी की यह लड़ाई हमें एक होकर लड़नी होगी। हमें याद रखना होगा कि हम जाति, समुदाय, धर्म और भाषा के आधार पर आपस में न लड़ें। याद रखिये, जब आप रोटी मांगेगे तो गुमराह करने वाला कहेगा धर्म खतरे में है? जब आप कहेंगे कि महंगाई कम करो, तो वह कहेगा देश खतरे में है। जब आप रोजगार मांगोगे तो वह कहेगा आप देशद्रोही हो। लेकिन आपको इस जाल में फंसना नहीं है। आजादी के सिपाही इन बातों से डरते नहीं हैं।'

कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'महात्मा गांधी, भगत सिंह और अंबेडकर इन बातों से कभी नहीं डरे। आपको समझना है कि न देश खतरे में है, न धर्म खतरे में है। अगर कुछ खतरे में है तो वह है सत्ताधारी की कुर्सी। 21 वीं सदी की आजादी की लड़ाई में आपको हर कीमत पर उन अधिकारों की मांग करनी है, जो अधिकार भारत के संविधान ने आपको दिये हैं। कांग्रेस पार्टी 21 वीं सदी में भारत की आजादी की नई लड़ाई लड़ने के लिये तैयार है। क्या आप भी तैयार हैं? अगर हम सब तैयार हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में फिर सच्ची आजादी आएगी। हर भारतवासी वास्तविक रूप से आजाद होगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि वो दिन आएगा, वो दिन करीब है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।'