कोरोना पीड़ितों को संबल देने निकले दिग्विजय सिंह, प्रदेशभर में संवेदना यात्रा

कोरोना से उबरने के बाद पीड़ितों का दर्द बांटने के लिए राज्यसभा सांसद कर रहे प्रदेश भर में यात्रा, बोले- ये सभी मेरे परिवार के सदस्य

Updated: Jul 05, 2021, 05:12 PM IST

कोरोना की दूसरी लहर से देश भले ही उबर गया हो लेकिन इस दौरान चारों तरफ़ जो मौत का मंजर देखने को मिला और जिन्होंने अपनों को खोया उसे भूलने के लिए सदियाँ भी कम हैं। महामारी से जिनकी मौतें हुईं वे तो अब कभी लौट के नहीं आने वाले, लेकिन जो जीवित हैं, उन्हें ताउम्र याद रहेगा कि किस तरह वे अपनों को बचाने के लिए जूझ रहे थे, रुकती सांसों को थामने के लिए दौड़-भाग कर रहे थे, लेकिन एक-एक कर सांसें रुकती जा रहीं थीं। मौत के बाद श्मशानों में जगह नहीं थी, लंबी लाइनें लग रहीं थीं, इन खौफनाक अनुभवों के बाद लोगों को इस वक़्त सबसे अधिक जरूरत संबल और सहानुभूति की है।

अपने कई करीबी और सगे-संबंधियों को खोने के बाद राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह इन दिनों मध्यप्रदेश में कोरोना के ऐसे ही पीड़ित परिवारों का दुख बाँटने, उन्हें संबल और ढाढ़स देने के लिए एक ख़ास अभियान पर हैं। दिग्विजय सिंह, मध्य प्रदेश के उन सभी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलकर उनका ढाढ़स बँधाने और संबल बनने का प्रयास कर रहे हैं जिन्होंने अपने किसी ना किसी सदस्य को इस दौरान खोया है। इस अभियान के तहत वो जगह जगह सार्वजनिक शोक सभाएं और निजी मुलाक़ातें दोनों कर रहे हैं। 

कोरोना वायरस को मात देने के बाद जैसे ही दैनिक कोरोना मामलों में कमी आई मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह दिल्ली छोड़कर भोपाल लौट आए। भोपाल के लगभग तीन दर्जन घरों में निजी मुलाक़ातों के अलावा उन्होंने कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक दुबे, अपने करीबी साथी व मंत्री रहे बृजेन्द्र सिंह राठौर, कांग्रेस विधायक रहीं दिवंगत कलावती भूरिया और कोरोना में अपनी जान गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को सार्वजनिक सभाओ के ज़रिए भी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें संवेदना व्यक्त करने के सिलसिले में वो बीजेपी के नेता रहे लक्ष्मीकांत शर्मा के परिजनों से भी मिलने पहुंचे और उन्हें संबल देने का प्रयास किया।

दिग्विजय सिंह की इन यात्राओं के दौरान सबसे खास बात यह है कि वे सिर्फ प्रमुख लोगों के घर ही नहीं जा रहे हैं, बल्कि समाज के पिछली पंक्ति के लोगों का भी कंधा बनने का यथासंभव प्रयास कर रहे हैं। टीकमगढ़, झाबुआ, ग्वालियर, गुना, अलीराजपुर समेत करीब दो दर्जन जिलों की वे यात्रा कर चुके हैं, जहां उन्होंने सभी लोगों को बाहें फैलाकर अपनाया। इस दौरान जरूरत अनुसार उन्होंने लोगों की मदद की, आगे भी हर संभव मदद का भरोसा दिया और सबसे जरूरी चीज, पीड़ितों को बाहें खोलकर गले लगाते हुए परिवार को विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की हिम्मत दी। 

अपने तीन दिवसीय गुना दौरे के दौरान एक श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने यह भी कहा कि कोरोनाकाल में सुरक्षा के दृष्टिकोण से घरवालों का दबाव रहता है कि मैं ज्यादा लोगों के पास न जाऊं। लेकिन मैं कहता हूं कि ये भी तो हमारे परिवार के सदस्य हैं, दुख की घड़ी में इनके बीच बिना जाए, बिना दुख-सुख बांटे कैसे रहा जा सकता है। भले ही मुझे डॉक्टरों की तरह पूरे शरीर में दस्ताने और पीपीई किट पहनकर घूमना पड़े लेकिन आप सब के पास आता रहूंगा।

पिछले कुछ हफ्तों में प्रदेश के दर्जन से ज्यादा जिलों में हजारों लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद कांग्रेस नेता सोमवार से इंदौर, बड़वानी और सीहोर जिले में पीड़ितों से मिलने के लिए निकल पड़े हैं। कांग्रेस नेता के कार्यालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल के मुताबिक सोमवार को वे बड़वानी और धार में लोगों स मुलाकात कर रहे हैं। मंगलवार को इंदौर में संयुक्त श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे और अपने प्रिय साथी दिवंगत महेश जोशी और हरीश चंडोक के परिवार से अलग से भी मिलने जाएँगे।

दिग्विजय सिंह इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में पीड़ित परिजनों से रोज़ाना एक-एक कर मुलाकात कर रहे हैं और उनका हाल ले रहे हैं। इस संवेदना यात्रा में वे बुधवार को देवास और सोनकच्छ में संयुक्त श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे। इसके बाद सीहोर जिले के विभिन्न जगहों पर भी व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे। देवास से सीहोर आने के क्रम में वे आष्टा के नेमावर में हुए जघन्य अपराध के पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे।

दिग्विजय सिंह की यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है कि जब ज़्यादातर राजनीति प्रतीकों पर केंद्रित हो गई है और मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के दावे सरकारी दराज़ों में क़ैद से हो गए हैं, तब आम आदमी अपनी दुखों का बोझ लेकर लाचारी में जी रहा है। इस लाचारगी को कोई बाँटने और समझनेवाला तक नहीं है। दिग्विजय सिंह ऐसे समय में ज़मीन पर निकलकर लोगों से मुलाक़ात कर और दुख की घड़ी में उनका संबल बनने का प्रयास  कर रहे हैं।