आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के बचाव में उतरे कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद

विधायक आरिफ मसूद ने यूपी में आजम खान की पत्नी तंजीम फातमा से की मुलाकात, जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन की लड़ाई लड़ने की कही बात, यूपी सरकार पर लगाया यूनिवर्सिटी की जमीन हथियाने का आरोप

Updated: Jan 21, 2021, 05:34 PM IST

भोपाल/ रामपुर। समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी की साढ़े 12 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर उत्तर प्रदेश सराकर ने कब्जा कर लिया है। रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में जौहर ट्रस्ट का नाम काटकर उत्तर प्रदेश सरकार के नाम पर जमीन चढ़ा दी गई है। अब कांग्रेस नेता आरिफ मसूद ने दलगत राजनीति से उपर उठकर इसका विरोध करने की अपील की है। आरिफ मसूद का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बदले कि भावना से काम कर रही है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि जौहर यूनिवर्सिटी बचाने के लिये आगे आएं।।

गौरतलब है कि आजम खान के जौहर ट्रस्ट ने यह जमीन सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ शर्तों पर खरीदी थी। जिसपर बीजेपी ने जमीन खरीदने के बाद शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया औऱ जमीन की जांच शुरु की। तत्कालीन एसडीएम ने बीजेपी की शिकायतों को सही बताते हुए एडीएम कोर्ट में केस चलाया था। जिसके बाद कोर्ट ने 16 जनवरी को जमीन सरकार के नाम करने का आदेश जारी कर दिया।

यूपी के रामपुर में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आजम खान की पत्नी और विधायक तंजीम फातमा से मुलाकात की। उनके साथ शायर इमरान प्रतापगढ़ी भी मौजूद थे। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन बीजेपी सरकार द्वारा अपने नाम करने पर आरिफ मसूद बीजेपी पर निशाना साथा। उन्होंने बीजेपी के इस कृत्य की निंदा करते हुए इसे राजनैतिक उत्पीड़न बताया।

आरिफ मसूद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जौहर यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना चाहती है। बीजेपी लगातार बदले की भावना से काम कर रही है, उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मस्लिम नेताओं से अपील की है कि सरकारी उत्पीड़न के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी के साथ खड़े हों। और यूनिवर्सिटी बचाने के मुहिम चलाएं। ताकि जौहर यूनिवर्सिटी को बचाया जा सके।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आजम खान का साथ देना चाहिए, संविधान के दायरे में रहकर उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, जिसे बीजेपी सरकार बरबाद करने पर तुली है। हक की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील किया है कि मुस्लिम लीडर केवल वोट लेने के लिए नहीं है, सभी को संवैधानिक लडाई में आगे आना चाहिए। बने बनाए विश्वविद्यालय को बचाने में आज़म खान का साथ देना जरूरी है।