कर्ज़ लेकर घी पीने के सिद्धांत पर चल रही है सरकार, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जनता के साथ हो रहा भेदभाव: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जनता के साथ हर स्तर पर भेदभाव किया जा रहा है और जानबूझकर क्षेत्र को विकास योजनाओं से दूर किया जा रहा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के कर्जखोरी पर राज्य में सियासत गर्म है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं कि आखिर यह पैसा कहां जा रहा है? उन्होंने छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जनता से भेदभाव करने के आरोप भी लगाए हैं। साथ ही कहा कि सरकार कर्ज लेकर घी पीने के सिद्धांत पर चल रही है।
कमलनाथ ने जिला कांग्रेस कमेटी पांढुर्णा द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छिंदवाड़ा में ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जनता को पेट्रोल ही नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार तक़रीबन हर महीने 5000 करोड़ रुपये कर्ज़ लेती है, लेकिन आख़िर कर्ज़ का यह पैसा विकास योजनाओं में ख़र्च नहीं हो रहा है तो कहाँ जा रहा है?
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कमलनाथ ने आगे कहा कि छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जनता के साथ हर स्तर पर भेदभाव किया जा रहा है और जानबूझकर क्षेत्र को विकास योजनाओं से दूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार करोड़ों रुपया इवेंट पर ख़र्च कर रही है, लेकिन विकास योजनाओं, नौजवानों को रोज़गार देने, किसानों को फ़सल का उचित मूल्य देने और महिलाओं को सुरक्षा देने पर कोई ख़र्च नहीं किया जा रहा है। भाजपा की सरकार कर्ज़ लेकर घी पीने के सिद्धांत पर चल रही है और जनता से पूरी तरह मुँह मोड़ लिया है।
वहीं, छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा के हर्रई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जवानी छिंदवाड़ा के लिए समर्पित की और आज कहता हूँ कि अपनी ज़िंदगी छिंदवाड़ा के लिए समर्पित करूँगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसी से डरने जरूरत नहीं है। कल समय बदलेगा और सत्य की जीत होगी। आप सबको बिना डरे सच का साथ देना है। कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट हैं और बदलाव के लिए तैयार हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। इस बार कर्ज की रकम 6 हजार करोड़ रुपए होगी। मार्च के पहले सप्ताह में लोन लेने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इससे पहले फरवरी में भी सरकार ने 6 हजार करोड़ का लोन लिया था। मोहन सरकार अब तक चार लाख 15 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। बीते वित्तीय वर्ष (2024- 25) की बात की जाए तो सरकार ने उस दौरान एक साल के अंतराल में 41 हजार करोड़ का कर्ज लिया था।