Corona package... तो दीनदयाल, अटल या मोदी ‘न्याय’ दीजिए
कृपया दिल बड़ा कर गलती स्वीकार कर आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें। छत्तीसगढ़ सरकार की “न्याय” योजना को पूरे देश में लागू कराईये – दिग्विजय सिंह

दिग्विजय ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कृपया दिल बड़ा कर गलती स्वीकार कर, आपके पैकेज पर पुनर्विचार करें। छत्तीसगढ़ सरकार की “न्याय” योजना को पूरे देश में लागू कराईये। यदि आपको कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित “न्याय” शब्द पर एतराज है तो उसे “अटल न्याय” या “दीनदयाल न्याय” या इनसे भी एतराज़ है तो “मोदी न्याय” योजना कह सकते हैं। लेकिन आप से हाथ जोड़ कर प्रार्थना है 20 लाख करोड़ के तथा कथित रिलीफ़ पेकेज पर पुनर्विचार अवश्य करें।
यदि आपको कॉंग्रेस द्वारा प्रस्तावित “न्याय” शब्द पर एतराज़ है तो उसे “अटल न्याय” या “दीनदयाल न्याय” या इनसे भी एतराज़ है तो “मोदी न्याय” योजना कह सकते हैं। लेकिन आप से हाथ जोड़ कर प्रार्थना है ₹२० लाख करोड़ के तथा कथित रिलीफ़ पेकेज पर पुनर्विचार अवश्य करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 22, 2020
लॉक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश को संबोधित करते हुए, 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इसे अपर्याप्त तथा केवल अमीरों की सहायता योजना निरूपित करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह केंद्र सरकार से पैकेज पर पुनर्विचार की मांग की है। गौरतलब है कि राजीव गांधी की 29 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए न्याय योजना की घोषणा की। जिसके मुताबिक राज्य के 19 लाख किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। पहली किस्त में किसानों को 1500 करोड़ की राशि भी ट्रांसफर कर दी गई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा और केंद्र सरकार को गरीबों के प्रति दिखावे की राजनीति छोड़कर, गरीबों और किसानों के प्रति संवेदनशील होने की नसीहत दी है। दिग्विजय सिंह से छत्तीसगढ़ सरकार की न्याय योजना को देश भर में लागू करने की भी बात कही है।
दिग्विजय सिंह ने भाजपा और केंद्र सरकार को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को लेकर भी घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने लिखा है कि आप हमेशा डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की दुहाई देते हैं इसकी शुरुआत डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी। इसी प्रक्रिया के तहत, गरीबों के खाते में प्रति माह साढ़े सात हज़ार रुपए डाल दीजिए।