दमोह: शासन के निर्देश पर खिलाई गईं एल्बेंडाजोल की गोलियां, गोली खाते ही 18 छात्र हुए बीमार

मध्य प्रदेश में शासन के निर्देश पर कृमि संक्रमण से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जा रहीं हैं। इसी बीच दमोह में इन गोलियों को खाने से 18 छात्रों के बीमार होकर अस्पताल पहुंच गए।

Publish: Sep 13, 2023, 03:37 PM IST

दमोह। मध्य प्रदेश में  राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 12 सितंबर को मनाया गया। इसी दिन प्रदेश भर के 1 से 19 साल तक के बच्चों कृमि संक्रमण से बचाव के लिए शासन के निर्देश पर एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाती हैं। ये गोली कृमि संक्रमण के घातक लक्षण खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, पेट में दर्द, वजन कम होने आदि से बचाती हैं। लेकिन दमोह में इन गोलियों का छात्रों पर गलत असर हो गया। यहां पर एल्बेंडाजोल की गोली खाने के बाद 18 छात्र अचानक बीमार हो गए।जिन्हें आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया।

प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिन 12 सितंबर से शुरु होकर 15 सितंबर तक सभी स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जा रहीं हैं। इसी बीच के तहत मंगलवार को दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के शासकीय स्कूल में स्कूली छात्रों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जा रहीं थीं। तभी 18 बच्चे गोली खाने के बाद अचानक बीमार पड़ने लगे। इसके बाद छात्रों को अस्पताल लाया गया। 108 वाहन नहीं पहुंचने पर छात्रों को ट्रैक्टर-ट्राली से अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर इलाज के बाद बच्चों की तबीयत में सुधार है।

घटना की सूचना मिलने पर कुम्हारी थाना प्रभारी पूर्णानंद मिश्रा, राजेश लोधी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और बच्चों के स्वास्थ्य की ली। साथ ही मामले की जांच के निर्देश भी दिए। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने गांवों की आशा कार्यकर्ता और उनकी टीम को प्रशीक्षण दिया था। जिसमें बताया गया था कि छात्रों को गोली किस तरह देना है। लेकिन यहां पहले पहल हुई जांच में सामने आ रहा है कि छात्रों को गाली की मात्रा और खाने के तरीके के बारे में सही जानकारी नहीं थी। 

बता दें राज्य शासन के निर्देश पर हर साल कृमि मुक्ति के लिए 1 से 19 साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाती हैं। आंगनबाड़ी और शासकीय स्कूलों में 12 सितंबर से 15 सितंबर तक यह अभियान चलता है। कृमि संक्रमण के कारण शरीर में खून की कमि, कूपोषण, बदन दर्द, कमजोरी जैसी बिमारियां जगह बना लेती हैं।