लोकतंत्र बचाने का निर्णायक समय, इंदौर में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेसजनों को दिलाई संविधान संरक्षण की शपथ
दिग्विजय सिंह ने 75वें संविधान दिवस पर कहा कि हमें इस बात की चिंता है कि इस देश में संवैधानिक व्यवस्था कायम रहेगी या नहीं रहेगी।
इंदौर। संविधान दिवस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए। राज्यसभा सांसद सिंह ने चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता को लेकर भी गहरी चिंता जताई। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब यह आशंका बढ़ रही है कि क्या भारत की संवैधानिक व्यवस्था अपनी मूल मजबूती के साथ कायम रह पाएगी या नहीं।
दरअसल, इंदौर में संविधान दिवस के अवसर पर गीता भवन चौराहा स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थल पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस जन और पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह उपस्थित रहे। दिग्विजय सिंह ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संविधान और लोकतंत्र को बचाने की शपथ दिलाई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि आज हमें यह तय करना है कि संविधान ने जो हमें लोकतंत्र दिया है, वो हमें रखना है या नहीं। और इसलिए आज ये हमारे लिए अति महत्वपूर्ण दिन है। हमें यह निर्णय करना है कि देश में एकतंत्र होना चाहिए या लोकतंत्र। लोकतंत्र खतरे में है। मतदाता सूची में छेड़खानी हो रही है और इसे बनाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी हम पर डाल रहा है। आज तक सर्वे में कभी हमसे प्रमाण नहीं मांगा जाता था। बीएलओ घर आते थे और पूछताछ के बाद नाम जोड़ देते थे। लेकिन आज लोगों से कई तरह के प्रमाण मांगे जा रहे हैं।
पूर्व सीएम ने एसआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा बिहार में करीब 65 लाख लोगों के नाम काट दिए। क्या वे देश के नागरिक नहीं थे। क्या उन्हें एक भी घुसपैठिया बिहार में मिला क्या? भारत के संविधान को एकतंत्र में बदलने का प्रयास है। ये आपकी नागरिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। आप कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और आपसे प्रमाण मांग रहे हैं। इसलिए हमें सचेत होने की जरूरत है और संविधान को बचाने के लिए संकल्प लेना है।
सिंह ने कहा कि आज हमारे सामने ये खतरा है कि हम देश के नागरिक रह पाएंगे या नहीं, इस देश में लोकतंत्र रह पाएगा या नहीं। हम तो बुजुर्ग हो गए लेकिन एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के हमारे जो कार्यकर्ता हैं उन्हें फर्क पड़ेगा। एकतंत्र में आप जानते हैं न्यायपालिका में सुनवाई नहीं होती, और एक व्यक्ति का राज चलता है। हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं, जो लोकतंत्र के माध्यम से प्रमुख बने फिर लोकतंत्र को खत्म करके फासीवादी बनकर देश पर कब्जा किया। भारत में भी नरेंद्र मोदी और उनके साथी यही कर रहे हैं।




