पूजा के लिए भिड़ गए बीजेपी सांसद छतर सिंह दरबार और रंजना बघेल

Manawar Dhar: धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की होड़, भिड़ गए सांसद छतर सिंह दरबार और पूर्व मंत्री रंजना बघेल, बघेल पर बीजेपी मंडल अध्यक्ष के अपमान का आरोप

Updated: Aug 28, 2020, 03:15 AM IST

मनावर। स्थानीय रजनीति में विरोधी माने जाने वाले बीजेपी सांसद छतर सिंह दरबार और पूर्व मंत्री व बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रंजना बघेल एक धार्मिक कार्यक्रम में भिड़ गए। दोनों ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से एक दूसरे की शिकायत की है। बताया जाता है कि पूरा विवाद मंदिर में पूजा को लेकर शुरू हुआ। पूर्व मंत्री बघेल पहले पूजा करना चाहती थी, जबकि सांसद समर्थक जनपद सदस्य सूरमा मौर्य ने सांसद छतर सिंह दरबार के आने तक पूजा नहीं होने दी। इस पर बघेल ने सूरमा मौर्य को खरी खोटी सुना दी। 

समारोह में द्वारा दिए गए वक्तव्यों के वीडियो वायरल होने के बाद विवाद गहरा गया है। बीजेपी की किरकिरी करवा रहा दोनों नेताओं का यह विवाद ग्राम जाटपुर के डावरपुरा में मंगलवार को शंकर मंदिर में हुए आयोजन के दौरान हुआ। समर्थकों ने मंदिर के धार्मिक आयोजन में दोनों नेताओं को बुलाया था। दोनों नेता अलग अलग समय पर शामिल हुए। पूर्व मंत्री रंजना बघेल पहले आ गई थीं। सांसद छतर सिंह दरबार समर्थक जनपद सदस्य सूरमा मौर्य का आरोप है कि पूजा के बाद जब वे रंजना बघेल को छोड़ने उनकी गाड़ी तक गई, तब बघेल ने कहा कि गांव के लोगों का भगवान अच्छा नहीं करेगा, लोग राजनीति करने लगे हैं। सूरमा का आरोप है कि रंजना बघेल ने ये बातें उनके लिए कही। 

इस विवाद का वीडियो SKP live news से साभार 

कार्यकर्ता का अपमान करना, पार्टी का अपमान: सांसद छतरसिंह दरबार

जब सांसद छतरसिंह दरबार पूजा में आए और बघेल की कही बात का पता चला तो उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं भाजपा महिला मोर्चे की सदस्य और मंडल अध्यक्ष सूरमा मौर्य के आमंत्रण पर मंदिर में प्रसाद लेने के लिए आया था, न कि सांसद की हैसियत से वहां गया था। मुझे जनपद सदस्य सूरमा मौर्य ने बताया कि रंजना बघेल ने अपशब्द कहे। सांसद दरबार ने कहा कि एक पूर्व मंत्री द्वारा जनपद सदस्य सूरमा का अपमान करना, पार्टी का अपमान करना है। बघेल ने कहा कि मंदिर का सर्वनाश हो जाएगा। यह कहना हिंदू धर्म के ख़िलाफ है। उन्हें ऐसा कहना शोभा नहीं देता।

सांसद के बयान के बाद रंजना बघेल ने मीडिया से बात की। बघेल ने कहा कि मुझे भाजपा कार्यकर्ताओं  ने मंदिर स्थापना में पूजा करने के लिए बुलाया था। मैंने पहले मंदिर की छत डालने के लिए 50 हजार रुपये दिए थे। मैं वहां 10 बजे समय पर पहुंच गई थी, क्योंकि मुझे भोपाल भी जाना था। वहीं सूरमा मौर्य सांसद के आने के बाद 11 बजे पूजा करवाना चाहती थी। यदि मुझे पता होता कि सांसद भी आ रहे हैं, तो मैं थोड़ा और रुक जाती।

सांसद को ऐसी बातें शोभा नहीं देती: रंजना बघेल

रंजना बघेल ने कहा कि मंदिर की पूजा और स्थापना मुहूर्त के अनुसार ही होनी चाहिए। शुभ मुहूर्त पर शुभ कार्य होना चाहिए। इस समय किसी के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। मैं अभी मंदिर के अंदर खड़ी हूं और मैंने सर्वनाश जैसी कोई बात नहीं की है, लेकिन सांसद जैसा निर्वाचित व्यक्ति इस तरह की बातें करें, वह उन्हें शोभा नहीं देता है।

हालांकि, बाद में बघेल ने सांसद दरबार और मंडल अध्यक्ष सूरमा मौर्य के लिए शिकायती स्वर में कहा कि मुझ पर जिस तरह का आरोप लगा रहे हैं वह गलत है। सूरमा मौर्य ने पार्टी के लिए ज़ायद काम नहीं किया है। मैं पार्टी मुख्यालय को इनकी पार्टी  विरोधी गतिविधियों की जानकारी दूँगी।