Digvijaya Singh: छतरपुर में कांग्रेस नेता के हत्यारों को मिल रहा संरक्षण, सीएम के पास बात करने का वक़्त नहीं
दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेता इंद्र प्रताप सिंह परमार की हत्या के मामले में कई गंभीर सवाल उठाए, यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के पास उनसे या पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से फ़ोन पर बात करने का भी समय नहीं

भोपाल। छतरपुर के घुवारा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह परमार की हत्या के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रशासन के रवैए पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा है कि क्षेत्र के प्रभावशाली बीजेपी नेताओं के संरक्षण में पुलिस-प्रशासन अपराधियों के खिलाफ मुस्तैदी से कार्रवाई नहीं कर रहा है। दिग्विजय सिंह ने क्षेत्र में बढ़ते अपराधियों के वर्चस्व को लेकर भी प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल कांग्रेस ब्लॉक प्रमुख की हत्या अचानक नहीं हुई है। कुछ साल पहले इंद्र प्रताप के बड़े भाई भागवत सिंह की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पटिया गांव के रहने वाले रखुआ अहिरवार की हत्या कर दी गई थी। रखुआ इंद्र प्रताप के समर्थक थे। रखुआ के भाई नरवर अहिरवार की भी अपराधियों ने नाक काट दी थी।
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इंद्र प्रताप सिंह परमार के बड़े भाई भागवत सिंह की हत्या करने वाले अपराधियों को ज़मानत दे दी गई। इंद्र प्रताप सिंह शुरू से ही कहते रहे कि उनकी जान को खतरा है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। इंद्र प्रताप सिंह को लाइसेंसी हथियार भी नहीं दिया गया। 16 मार्च को अपराधियों ने अपनी मंशा को अंजाम देते हुए इंद्र प्रताप सिंह परमार की भी हत्या कर दी।
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 21, 2021
मप्र के ग्राम पटिया बड़ा मलहरा ज़िला छतरपुर में कॉंग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष इंद्र प्रताप परमार की १६ मार्च को हत्या की गई। मैं उनके परिवार से मिलने गया था। इसी ग्राम में इनके बड़े भाई भागवत सिंह व रखुआ अहिरवार की भी हत्या इन्हीं लोगों ने कर दी थी।
इस पूरे मसले पर दिग्विजय सिंह ने छतरपुर प्रशासन के रवैए की निंदा की है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रशासन क्षेत्र के प्रभावशाली भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रहा है। कांग्रेस नेता नेता ने कहा है कि हत्या के सभी मामलों में अपराधी लगभग एक ही हैं। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में अपराधियों का बोलबाला है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने और बात करने की कोशिश की, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने मिलना तो दूर, फोन पर बात करने की जहमत भी नहीं उठाई।
पटिया के रखुआ अहिरवार की हत्या व नरवर अहिरवार की नाक काट दी गई। शासन की नीति के अंतर्गत ज़िला प्रशासन से आज तक उनके परिवारों को कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। ऐसे अ़क्षम प्रशासन पर क्या कार्रवाई नहीं हो सकती? क्या उन पर अजा अजजा अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई नहीं हो सकती?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 21, 2021
दिग्विजय सिंह ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्होंने और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने के लिए संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन मुख्यमंत्री के पास दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिलने का समय नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएम इतने व्यस्त हैं कि वे फोन तक पर बात नहीं कर सकते।
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कांग्रेस नेता ने अपने दस वर्षों (1993-2003) के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान बीजेपी के बड़े नेता से लेकर कोई कार्यकर्ता भी उनके पास कोई शिकायत लेकर आता था। तो वे उनसे मुलाकात और बात करते थे। लेकिन जिस तरह से शिवराज सिंह टालमटोल भरा रवैया अपना रहे हैं, उनसे ऐसे बर्ताव की अपेक्षा नहीं थी। हालांकि कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई ये ने समझे कि इंद्र प्रताप सिंह परमार का परिवार कमज़ोर पड़ रहा है। मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी परमार परिवार के साथ खड़ी है।