रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खेप पहुंचने में हो रही देरी, खाद संकट पर कृषि राज्यमंत्री का अजीबोगरीब बयान

कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि खाद संकट में भी विदेशी साजिश है। क्योंकि डीएपी बाहर से मंगाना पड़ता है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले डीएपी आने में 14 दिन लगते थे, अब 45 दिन लग रहे हैं।

Updated: Nov 21, 2024, 11:13 AM IST

गुना। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। वहीं, खाद संकट के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री विदेशी साजिश को जिम्मेदार ठहराया है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी बुधवार को गुना पहुंचे। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने खाद की किल्लत को लेकर बेतुका बयान दिया है। भागीरथ चौधरी ने खाद की कमी का कारण रूस-यूक्रेन के युद्ध को बताया है। चौधरी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते डीएपी खाद में थोड़ी कमी आई है। 

चौधरी का कहना था कि पहले खाद की जिस खेप को आने में 14 दिन लगते थे, वहीं अब 45 दिन यानी तीन गुना अधिक समय लग रहा है। इसी वजह से खाद की संकट उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि खाद संकट में भी विदेशी साजिश है। क्योंकि डीएपी बाहर से मंगाना पड़ता है। इसकी कीमत बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। वो जान-बूझकर चाह रहे हैं कि भारत का किसान आंख मूंदकर डीएपी, यूरिया और पेस्टीसाइड (कीटनाशक दवाइयां) का उपयोग करे।

कृषि मंत्री ने इस दौरान किसानों को जैविक खेती को लेकर भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री प्राकृतिक और जैविक खेती पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराएं और उसमें जो भी पोषक तत्वों की कमी हो, उसे उसी आधार पर उर्वरक का उपयोग हो।

कृषि राज्य मंत्री के दौरे के बीच बुधवार देर शाम गुना नानाखेड़ी मंडी में किसानों ने खाद न मिलने पर सड़क पर आकर चक्काजाम कर दिया। इसकी सूचना पुलिस को लगते ही मौके पर पहुंचे पुलिस ने किसानों को समझाया और जाम खुलवाया। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई थीं। इस दौरान करीब आधे घंटे तक यातायात आवागमन बाधित हुआ।