सुरखी के रेपुरा गांव में धरने पर बैठे दिग्विजय सिंह, कहा- पीड़ितों को न्याय मिलने तक जारी रहेगा धरना

पीड़ितों ने सीधे तौर पर सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद राजपूत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इशारे पर बारिश के मौसम में उनके सिर से छत छीन ली गई। 

Updated: Jun 22, 2023, 06:33 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रेपुरा गांव में अहिरवार समाज के 10 लोगों का घर तोड़े जाने पर सियासी बवाल मच गया है। अनुसूचित जाति के लोगों के ये घर प्रधानमंत्री आवास योजना तहत बनाए गए थे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कहने पर की गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री पीड़ितों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए हैं।

सुरखी के रेपुरा गांव में पूर्व मुख्यमंत्री का धरना शुरू होते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां पहुंच गए हैं। वहीं, जिले के कलेक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी और डीफओ महेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंच गए हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पीड़ितों को जबतक न्याय नहीं मिल जाता वे धरने से नहीं उठेंगे। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने की इस लड़ाई में यदि उन्हें पूरी रात भी धरने पर बैठना पड़े तो बैठेंगे। 

दिग्विजय सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की है कि जिनके मकान टूटे हैं, उनके नुकसान की हो भरपाई करने के लिए राज्य सरकार तत्काल मुआवजा दे। पीड़ितों को प्लॉट दिए जाएं और प्लाट पर मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना से राशि मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि जब तक आवास का पुख्ता इंतजाम ना हो जाए, पीड़ितों के रहने के लिए अस्थाई इंतजाम सरकार करे। साथ ही पीड़ित परिवारों के सदस्यों के लिए भोजन पानी की भी व्यवस्था हो।

पूर्व सीएम ने अधिकारियों से कहा कि जब तक ये मांगें पूरा करने का आश्वासन लिखित में नहीं दिया जाता है, तब तक वे घटना स्थल से नहीं उठेंगे। दिग्विजय सिंह गुरुवार दोपहर सागर जिले के सुरखी विधानसभा के रैपुरा गांव पहुंचे थे। यहां प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद मलबे में तब्दील मकानों को देखा और ग्रामीणों से बातचीत कर स्थिति को जाना। इसके बाद वे धरने पर बैठ गए।

दिग्विजय सिंह को ग्रामीणों ने बताया कि वे 50 साल से अधिक से यहां रह रहे हैं। प्रशासन ने बुधवार को बिना नोटिस दिए सीधे घर और गृहस्थी पर बुलडोजर चला दिया। गृहस्थी का सामान तक नष्ट कर दिया। सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया। पीड़ितों ने सीधे तौर पर सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद राजपूत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इशारे पर बारिश के मौसम में उनके सिर से छत छीन ली गई। 

वहीं, गोविंद सिंह राजपूत पर जब दलितों के मकान बदले की भावना से ढहाए जाने के आरोप लगे तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस तरह के किसी मामले की जानकारी नहीं थी।