अडानी घूसकांड पर संसद के बाहर विपक्षी दलों का प्रदर्शन, अडानी-मोदी एक है के पोस्टर लहराए
कांग्रेस, आप, आरजेडी, शिवसेना (यूबीटी), डीएमके और वाम दलों सहित अन्य सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर परिसर में मंगलवार को अडानी घूसकांड के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए और जवाबदेही की मांग की।
नई दिल्ली। संसद में विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के सातवें दिन भी संभल हिंसा, अडानी घूसकांड को लेकर नारेबाजी की और लोकसभा से वॉकआउट किया। हालांकि एक दिन पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सुचारू कामकाज के लिए सहमति बन गई थी। लेकिन स्पीकर ने संभल और अडानी मुद्दा उठाने नहीं दिया। इस पर विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की, तख्तियां लहराईं और सदन से वॉकउट कर गये।
इंडिया गठबंधन की पार्टियों के सांसदों ने अडानी घूसकांड के खिलाफ मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और मामले की संयुक्त संसदीय जांच की अपनी मांग दोहराई। कांग्रेस, आप, राजद, शिवसेना (यूबीटी), डीएमके और वाम दलों सहित अन्य सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए और जवाबदेही की मांग की।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने "अडानी-मोदी एक है" के पोस्टर भी लहराए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं... हम सदन के अंदर विरोध नहीं कर सकते, इसलिए हमने बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुए। सपा और TMC के सांसद नहीं आए।
विपक्ष के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'देश को चलाने के लिए संसद चलना बहुत जरूरी है। संसद की कार्यवाही अगर ठीक से नहीं होगी तो उसका सबसे ज्यादा नुकसान देश और विपक्ष के सांसदों को होता है। हम बिना चर्चा के भी बिल पास कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास बहुमत है। हालांकि ऐसा करना हमें ठीक नहीं लगता है।'
रिजिजू ने अडाणी मुद्दे पर कहा, 'अगर किसी दूसरे देश में किसी भारतीय के खिलाफ कोर्ट में कोई आदेश आता है तो क्या सदन में उसकी चर्चा हमेशा जारी रहेगी? विपक्ष के कई सांसद इस बात को महसूस कर रहे हैं कि सदन को बाधित करना न तो देश हित में है और न ही विपक्ष के हित में है। हम 13 और 14 तारीख को लोकसभा में और 16 व 17 तारीख को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करेंगे।'
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उधर, लोकसभा में उत्तर प्रदेश में संभल हिंसा पर बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव था। संभल में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।
अखिलेश यादव के बयान पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा कायम नहीं हुआ। जो संभल में हुआ उसी आधार पर बदायूं, जौनपुर और अजमेर शरीफ में जो हो रहा है ये सारे देश में आग लगाने की साजिश है कि नहीं?'