MP में लाड़ली बहना अभ्यर्थियों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर, मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला
मोहन कैबिनेट ने प्रदेश की 40 लाख लाडली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सरकार ने बीमा देने का फैसला किया है।
भोपाल। मोहन कैबिनेट की मीटिंग में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं। राज्य सरकार ने लाडली बहना योजना के लाभार्थियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि लाडली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ देने का निर्णय भी लिया गया। कैबिनेट की बैठक के बाद नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में 97 हजार 300 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। दोनों बीमा योजनाओं का प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।
वही, सीएम मोहन यादव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि रक्षा बंधन पर्व आने वाला है। ऐसे में हमारी लाडली बहनें जिनके पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन है, उनकी प्रदेश में संख्या लगभग 40 लाख के आसपास है। उन सभी हितग्राही बहनों को हमने ₹450 में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। आज कैबिनेट के माध्यम से मद बनाकर उसे स्वीकृति प्रदान की है।
इसके साथ ही मोहन यादव ने कहा है कि अगला रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ग्वालियर में 28 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकतानुसार कार्य किया जाए। परंपरागत उद्योग और व्यापार- व्यवसाय में लगे लोगों को भी अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने इसकी जानकारी कैबिनेट की मीटिंग से पहले मंत्रियों को दी है।
वहीं, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि मोहन सरकार ने लाड़ली बहनों को फिर से ठगा है। मप्र में कुल उपभोक्ताओं में सिर्फ़ 10% प्रतिशत ही महिला उपभोक्ता है, जिनमे से 50 % सरकार के बनाये नियमों के चलते योजना से बाहर हो जायेंगी। गैस कंपनियों ने महिलाओं के आवेदन ले कर रखे है पर नये कनेक्शन नहीं दिए जा रहे है। हम सरकार से पूछना चाहते है की आपकी इस योजना का लाभ कुल कितनी बहनों को मिलेगा ये बताने का कष्ट करें और महिलाओं को 3 हज़ार रुपए कब से मिलेंगे?