Lockdown में गुटखा तस्‍करी, Indore Collector की भूमिका पर सवाल

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में पान मसाला परिवहन की अनुमति दी गई थी। इसी की आड़ और प्रशासन से मिले वाहन पास से गुटखे की तस्करी की गई।

Publish: Jun 21, 2020, 02:14 AM IST

Coronavirus India के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए Lockdown में गुटखा तस्‍करी को लेकर इंदौर कलेक्टर की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पसंदीदा कलेक्टरों में से एक मनीष सिंह की भूमिका पर केंद्रीय जांच एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इंटेलीजेंसी (डीजीजीआई) सहित विपक्ष कांग्रेस सवाल उठा रहे हैं। इसकी वजह 21 मई को कलेक्टर द्वारा जारी आदेश है जिसमें पान मसाला कारोबारी को पान मसाला परिवहन की अनुमति दी थी। इसी अनुमति की आड़ और प्रशासन से मिले वाहन पास के आधार पर गुटखा किंग किशोर वाधवानी ने इंदौर के साथ प्रदेश के दूसरे जिलों और अन्य राज्यों में पान मसाले की तस्करी की।

इस मामले में जांच एजेंसियों ने कलेक्टर मनीष सिंह को चिट्‌ठी लिखकर पूछा है कि लॉकडाउन के दौरान जब पूरे शहर में कर्फ्यू लगा था तो फिर किशोर वाधवानी के ट्रकों को परिवहन की छूट कैसे दी गई? कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि वाहनों को परमीशन देने का काम एडीएम बीबीएस तोमर देख रहे थे। मैं कोविड-19 की जिम्मेदारियों में व्यस्त था। अगर वाहन पास जारी हुए हैं या फिर नकली बनाकर इस्तेमाल किए गए हैं तो हम संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

लेकिन कलेक्टर साहब ये बात भूल गए कि जांच में जुटी एजेंसियों के हाथ कलेक्टर मनीष सिंह का 21 मई को जारी एक आदेश हाथ लग चुका है। जिसमें जिला प्रशासन ने जिले की नगर निगम सीमा क्षेत्र के पान मसाले होलसेलरों और फुटकर विक्रेताओं को पान मसाला व कच्चा सामान इंदौर जिले और जिले के बाहर भेजने की अनुमति दी थी। आदेश के अनुसार परमीशन पान मसाला परिवहन की थी।

अब इसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह की भूमिका पर सवाल उठाना लाजमी है, क्योंकि लॉकडाउन में 31 मई तक केंद्र और राज्य सरकार ने किसी भी राज्य में गुटखा व पान मसाला उत्पादों के विक्रय की अनुमति नहीं दी थी। न गुटखा व पान-मसाला आवश्यक वस्तु  अधिनियम के तहत आता है। इसके विपरीत WHO से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना के कारण पान-मसाला न खाने की हिदायत दे रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित है। क्योंकि इसे संक्रमण फैलता है उसके बावजूद ऐसे में सवाल यह है कि फिर कलेक्टर इंदौर ने पान मसाला परिवहन व स्थानांतरण की छूट किस आधार पर दी।

गुटखा माफिया और कलेक्टर की कई बार फोन पर बात होने की खबर

लॉकडाउन के दौरान आरोपी किशोर वाधवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने और अपने करीबियों के मोबाइल नंबरों से करीब 48 बार बात की है। जिसका ब्यौरा डिपार्टमेंट के पास है। हाल ही में राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने भी बिना मनीष सिंह का नाम लिए इस बात का जिक्र अपने ट्वीट में किया था। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बताएं कि उनके अधिकारी कोरोना से जंग लड़ रहे थे या फिर बिजनेस कर रहे थे। वहीं कई कांग्रेस नेताओं ने इंदौर प्रशासन की भूमिका पर संदेह जताया है। 

 

 

5  दिन  की रिमांड पर है आरोपी किशोर वाधवानी

दरअसल 233 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी और पान गुटखा माफ़िया किशोर वाधवानी की गिरफ्तारी के बाद से 5 दिन की रिमांड पर डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इंटेलीजेंसी (डीजीजीआई) को सौंपा गया है। रिमांड अवधि के दौरान वाधवानी का रोजाना मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। वहीं आरोपी वाधवानी के चार साथी विजय नायर, संजय माटा, अशोक डागा और अजय बोथरा जेल में हैं। जांच एजेंसी टैक्स चोरी के साथ टैक्स चोरी के तरीकों की भी पड़ताल में जुटी है।

दुबई-पाकिस्तान से जुड़े हैं पान गुटखा माफ़िया के तार 

गुटखा तस्करी के तार अब दुबई और पाकिस्तान से जुड़े हैं। करोड़ों रुपये की कर चोरी के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी डीजीजीआई ने गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी को मास्टरमाइंड करार दिया है। जांच एजेंसी के अनुसार गुटखा तस्करी के जरिए न केवल करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की गई और उससे कमाया पैसा दुबई और पाकिस्तान भी भेजा गया।