नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से जुड़े सभी फोटो-वीडियो हटाएं, रेल मंत्रालय का एक्स को निर्देश
रेल मंत्रालय ने एक्स को एक टेकडाउन नोटिस जारी करते हुए नैतिकता और एक्स की कंटेंट पॉलिसी का हवाला दिया और 36 घंटे के भीतर इन पोस्टों को हटाने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीते हफ्ते मची भगदड़ से 18 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 14 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना को लेकर अब रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स को नोटिस भेजा है। इसमें रेलवे ने कंपनी ने कहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ से जुड़े सभी फोटो-वीडियो हटाएं।
इसके पीछे मंत्रालय ने एथिकल नॉर्म्स का हवाला दिया है। रेलवे ने टेकडाउन नोटिस में एथिकल नॉर्म्स और आईटी पॉलिसी का हवाला देते हुए X से ऐसे वीडियो हटाने को कहा है, जिनमें डेड बॉडी और बेहोश यात्री दिख रहे हैं। मंत्रालय ने 36 घंटे के भीतर X से करीब 250 ऐसे वीडियो हटाने के लिए कहा है। हालांकि, X की ओर से अभी तक रेलवे मंत्रालय के पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया गया है।
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को उस वक्त भगदड़ मच गई थी, जब वहां महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। तभी स्पेशल ट्रेनों के लेट होने और प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के चलते स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। हैरानी की बात ये है कि घटना से सबक लेने के बजाए तंत्र एक बार फिर हादसे को छिपाने में जुट गया है।
हादसे के कुछ देर बाद तक रेलवे अधिकारी कहते रहे कि सब ठीक है। लेकिन सोशल मीडिया पर भगदड़ और मौत संबंधी वीडियो सामने आने के बाद देर रात रेलवे ने घटना को स्वीकारा। लेकिन अब एक बार फिर खबर आई है कि मंत्रालय द्वारा एक्स से कहा जा रहा है कि हादसे से जुड़े सभी फोटो और वीडियो हटा लें। इससे स्पष्ट है कि सरकार इन हादसों को रोकने की बजाए दबाने को लेकर ज्यादा गंभीर है।
हाल ही में इंडिया एक्सप्रेस ने जांच रिपोर्ट के हवाले से अपनी एक न्यूज रिपोर्ट में बताया था कि हादसे वाली रात एनाउंसमेंट की गई थी कि महाकुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी, लेकिन कुछ देर बाद एक और घोषणा की गई। जिसमें कहा गया कि महाकुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी। ये घोषणा होते ही यात्रियों में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। इस दौरान वहां सुरक्षाकर्मी या रेलवे के अन्य जिम्मेदार उपस्थित नहीं थे।