तबादलों के फेर में फंसी करोड़ों के टैक्स चोरी की जांच, 25 मई के बाद बढ़ेगा एक्शन का दायरा
भोपाल, सागर और अन्य जिलों में हुई करोड़ों की टैक्स चोरी और छापेमारी की जांच आयकर अधिकारियों के तबादलों के चलते रुक गई है। कई वरिष्ठ अफसरों की नई पोस्टिंग और प्रमोशन के कारण जांच अधूरी रह गई है। अब 25 मई के बाद ही नए अफसर पुराने मामलों की फाइलें खोलकर कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे।

भोपाल| राजधानी के मेंडोरी इलाके में इनोवा कार से मिले 52 किलो सोना और 11.68 करोड़ रुपए नकद के सनसनीखेज मामले सहित प्रदेश की अन्य बड़ी टैक्स गड़बड़ियों की जांच आयकर अधिकारियों के तबादलों की वजह से थम सी गई है। भोपाल के बिल्डर राजेश शर्मा और उनके साथियों के परिसरों पर हुई कार्रवाई, सागर में बीजेपी के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और उनके करीबी राजेश केशरवानी से जुड़ी छापेमारी भी इसी कारण ठप पड़ी हुई है।
हाल ही में वित्त मंत्रालय की राजस्व शाखा द्वारा इन्वेस्टिगेशन विंग के एडिशनल कमिश्नर आदेश राय, पीसीआईटी भोपाल पीसी मौर्य समेत दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया। इनमें से कई अधिकारी उन महत्वपूर्ण छापों का हिस्सा रहे थे, जिनमें भारी मात्रा में नकदी और संपत्ति जब्त की गई थी। कुछ अधिकारी अभी अपनी तय अवधि भी पूरी नहीं कर पाए थे, फिर भी उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं, कई अधिकारियों को प्रोन्नति के चलते नई जगह भेजा गया है।
यह भी पढ़ें: दफ्तर दरबारी: क्यों सीएम डॉ. मोहन यादव को बदनाम कर रही है एमपी पुलिस
पिछले छह महीनों में आयकर विभाग द्वारा की गई कुछ प्रमुख कार्रवाइयां अभी अधूरी हैं। 19 दिसंबर 2024 को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर की कार से मिले 11 करोड़ 60 लाख रुपए और 52 किलो सोने की जांच अभी लंबित है। भोपाल के त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर राजेश शर्मा के यहां हुई रेड में भी करोड़ों की संपत्ति सामने आई थी, लेकिन एक पूर्व मुख्य सचिव का नाम जुड़ने के कारण विभाग इस जांच को सार्वजनिक नहीं कर रहा और कार्रवाई धीमी चल रही है।
सागर में पूर्व विधायक राठौर और पार्षद केशरवानी के परिसरों से भी बड़ी मात्रा में नकदी, आभूषण और महंगे वाहन बरामद हुए थे। इन मामलों में दस्तावेजों की जांच और कानूनी प्रक्रिया अटक गई है। इंदौर और खरगोन में एक मीडिया समूह और कपास व्यापारियों के परिसरों पर छापे में 400 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी उजागर हुई थी। सतना में फैक्ट्री मालिक के यहां भी करोड़ों की चोरी सामने आई थी।
भोपाल में आयकर टीम ने गोल्डन सिटी के संचालक मनीष जैन, अल्फा कम्युनिकेशन्स के सौरभ अग्रवाल और न्यू मार्केट के अलंकार ज्वेलर्स पर भी जांच अभियान चलाया था। इनमें से मनीष और सौरभ के यहां से जब्त दस्तावेजों की पड़ताल अभी पूरी नहीं हो सकी है। गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया की कायपान पान प्रोडक्ट्स पर हुई छापेमारी में 600 करोड़ से अधिक की चोरी पकड़ी गई, लेकिन इससे जुड़े अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में एक आभूषण व्यवसायी के ठिकाने पर भगवा झंडा लगाकर सर्वे किया गया था, जिसमें भी करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई थी।
प्रदेश में अब नए प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स नव रतन सोनी ने कार्यभार संभाला है। मार्च में रिटायर हुए पुरुषोत्तम त्रिपुरी के स्थान पर आए सोनी ने 27 अधिकारियों की नई पोस्टिंग की है। सभी अधिकारियों को 9 मई तक नई जगह ज्वाइन करने के निर्देश मिले हैं। उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद पुरानी छापेमारी की फाइलें दोबारा खोली जाएंगी और कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अब 25 मई के बाद ही जांच और अन्य कार्रवाइयों की गति दोबारा तेज हो पाएगी।